कवर्धा , कबीरधाम जिला मुख्यालय से छटा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के गृह ग्राम में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में भ्रष्टाचार चरम सीमा से पार हो रहा है । कबीरधाम जिला में जहा पर भी निर्माण हो रहा है वहा पर मनरेगा अधिनियमों का जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है । कवर्धा , बोडला विकासखंड इसमें सबसे आगे है । इसके जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करने में सक्षम नजर नही आ रहे है । जहा पर भी निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाता हैं वहा पर सर्व प्रथम नागरिक सूचना पटल का निर्माण कर संपूर्ण जानकारी प्रदर्शित करना होता है जिससे कार्य में पारदर्शिता बना रहे लेकिन ऐसा नही हो रहा है । ग्राम पंचायत सोमनापुर में नाली निर्माण किया जा रहा है जहा पर मजदूरों के जगह जे सी बी से नाली की खुदाई किया गया है।
कवर्धा विकासखंड के ग्राम पंचायत सोमनापुर में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत पक्की नाली का निर्माण कार्य प्रारंभ है । जिसमे प्रकालन के अनुरूप निर्माण कराने के बजाए सरपंच अपने मनमर्जी से करा रहा है । प्रकालन में बेस के लिए अलग गिट्टी का उपयोग करना है और ढलाई में भी अलग लेकिन सरपंच ने एक ही प्रकार के गिट्टी का उपयोग साथ अन्य सामग्री भी स्तर हीन का निर्माण में उपयोग किया जा रहा है । जो जांच का विषय है वही तकनीकी सहायक ने बताया कि उक्त नाली निर्माण में 15 वे वित्त का भी राशि। है जिससे गड्डे की खुदाई के लिए जे सी बी का उपयोग किया जा रहा है।
नागरिक सूचना पटल नही
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कोई भी कार्य प्रारंभ करने के पूर्व नागरिक सूचना पटल का निर्माण किया जाता हैं जिससे निर्माण कार्य से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदर्शित किया जाता है जिससे निर्माण कार्य में पारदर्शिता बना रहे। यदि किसी को निर्माण कार्य में शिकायत दर्ज कराना हो तो नागरिक सूचना पटल में जिला एवम राज्य स्तर के फोन नंबर भी लिखा रहता है लेकिन सोमनापुर में कार्य में गुणवत्ता के साथ समझौता किया गया है इसलिए नागरिक सूचना पटल का निर्माण नही किया गया है
घर बैठे जिम्मेदारी का निर्वाहन
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का नाम ही जिला में कुछ अलग तरीका से चल रहा है । इस योजना में रोजगार का गारंटी लेते हुए जिम्मेदार लोग घर बैठे फर्जी हाजरी भरकर अपने लोगो को लाभ दिला रहे है साथ ही मूल्यांकन , सत्यापन भी घर पर फाइल मंगाकर करते है । ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अनुविभागीय अधिकारी न कभी आफिस में बैठते है न कभी कार्यों का निरीक्षण करते है । इनके कार्यकाल में हुए निर्माण कार्यों का बारीकी से पड़ताल करने पर तरह तरह के अनियमितताएं नजर आएंगे ।