गोधन न्याय योजना कबीरधाम जिले के गौ-पालकों के लिए साबित हुआ वरदान
कवर्धा, 20 जुलाई 2022। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा परिसर स्थित अपने कार्यालय कक्ष में ‘गोधन न्याय योजना‘ की दूसरी सालगिरह पर गोधन न्याय योजना के तहत 1 जुलाई से 15 जुलाई तक गोबर खरीदी में कबीरधाम जिले के 993 हितग्राहियों के खाते में 7 लाख 20 हजार रूपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया। गोधन न्याय योजना कबीरधाम जिले के गौ-पालकों के लिए न्याय का स्वरूप साबित हुआ है। गौ-पालक योजना के माध्यम से गोबर विक्रय कर अपनी अवश्यकताओं को पूरा किया है। इसके साथ ही गोबर बेचकर प्राप्त राशि से गहने, मोटर सायकल सहित गिरवी रखी हुई समानों को भी साहूकार से छुड़वाया है। गोधन न्याय योजना गौ-पालकों के लिए वरदान साबित हुआ है। जिले के 297 गौठानों में गोबर की खरीदी की जा रही है। गोबर विक्रय के लिए 6 हजार 532 गौ-पालकों ने पंजीयन कराया है। अब तक 263144.64 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गौ-पालकों के खाते में अब तक 5 करोड़ 26 लाख 29 हजार रूपए भुगतान किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेन ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों तथा सहकारी समितियों को वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय पर बोनस दिया जाएगा। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। महिला समूहों को प्रति किलो वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय पर 01 रुपए तथा सहकारी समितियों को 10 पैसे का बोनस मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 07 जुलाई 2022 तक बिक चुके कम्पोस्ट के लिए महिला समूहों को बोनस के रूप में 17 करोड़ 64 लाख रुपए तथा सहकारी समितियों को 01 करोड़ 76 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा आज गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में अंतरित की गई राशि में एक जुलाई से 15 जुलाई तक राज्य के गौठानों में पशुपालकों, ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में 2.69 करोड़ रूपए भुगतान, गौठान समितियों को 2.88 करोड़ और महिला समूहों को 1.91 करोड़ रूपए की लाभांश राशि का भुगतान शामिल है। गोबर खरीदी के एवज में आज किए गए भुगतान की राशि को मिलाकर अब तक 153.44 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। इसी तरह योजना के तहत अब तक गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 147.99 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, नगरीय विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय श्री विनोद वर्मा और श्री रूचिर गर्ग, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तम्बोली, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के दो वर्ष पूर्ण होने पर योजना के सभी हितग्राहियों और प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि 20 जुलाई 2020 को हरेली तिहार के दिन से हम लोगों ने छत्तीसगढ़ में गोबर खरीदी की शुरुआत की थी। तब से लेकर अब तक राज्य में लगातार गोबर की खरीदी और वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया जा रहा है। केवल 02 वर्षों में इस योजना ने जो सफलताएं अर्जित की हैं, उसे पूरे देश में इस योजना को सराहा जा रहा है। देश के अनेक राज्यों ने हमारा अनुसरण करके अपने यहां भी इसी तरह की योजनाएं लागू की हैं। हम गोबर खरीद कर न केवल वर्मी कंपोस्ट बना रहे हैं, बल्कि गोबर से बिजली उत्पादन करने, प्राकृतिक पेंट बनाने, तरह-तरह की सामग्री बनाने का काम भी हम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना ने स्व सहायता समूहों की हमारी बहनों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनने का एक बड़ा अवसर दिया है। गोबर विक्रेताओं और गोठान समितियों ने भी इन दो वर्षों में अच्छी आय अर्जित की है। किसान भाईयों में पशुपालन को लेकर रुचि बढ़ी है। गौठानों में संचालित विभिन्न् आजीविका गतिविधियों से 13 हजार 969 स्व सहायता समूहों को अब तक 74 करोड़ 68 लाख रुपए की आय हो चुकी है। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत ही गौठानों में तेल मिल और दाल मिल जैसी प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की जा रही है। राज्य के गौठानों 227 तेल मिलों और 251 दाल मिलों की स्थापना की जा रही है। इनमें से 86 तेल मिल और 134 दाल मिल स्थापित की जा चुकी हैं। आने वाले समय में गोधन न्याय योजना सफलता के और नये आयाम स्थापित करेगी।