छत्तीसगढ़रायपुर

जब सैयां बने कोतवाल फिर डर काहें का,,,ऐसा कारनामा जिससे होश उड़ जाएंगे आपके, लोक निर्माण विभाग छत्तीसगढ़ ,,,,

जब सैयां बने कोतवाल फिर डर काहें का,,,ऐसा कारनामा जिससे होश उड़ जाएंगे आपके, लोक निर्माण विभाग छत्तीसगढ़ ,,,,

पीयूष मिश्र रायपुर,

युवा छत्तीसगढ़ जिसे बने 25 वर्ष हुए हैं तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की ऐसी सोच जीसमें यह सोचा गया था की नए राज्य जो अत्यंत पिछड़े हुए हैं उनके लिए आधारशिला रखी जाए और वे विकसित होकर देश में परचम लहरायें ,सोच के विपरीत अफसर शाही का टैग छत्तीसगढ़ के माथे में छप गया एक तरफ नक्सलवाद के जख्म छत्तीसगढ़ में उभरे वहीं अफसर शाही की नकाब ओढ़े भ्रष्टाचारी अधिकारी भी पनपने लगे। पारदर्शी सरकार की सोच रखने वाली भारतीय जनता पार्टी में बदनुमा दाग के रूप में उभरी , अगर निर्माण की बात करें तो राज्य का सबसे बड़ा विभाग लोक निर्माण विभाग जिसने नए रायपुर को तो बसाया ही देश में नाम भी कमाया लेकिन उसके अंदर की तह में जाए तो दिखाई देता है कि अफसरों ने कोई कसर नहीं छोड़ी दाग लगाने में अफसर शाही का एक ऐसा उदाहरण जिसे हम आगामी अंकों में उजागर करने वाले हैं कि कैसे अफ़सरों ने मिली भगत करके सांठ-गांठ की बदौलत पदोन्नति वरिष्ठता सूची में, जाति प्रकरण सब में कूटरचित दस्तावेज के तहत पदोन्नति, वरिष्ठता हासिल की और लगातार पदोन्नति पाते रहे अगर बस्तर और सरगुजा जैसे दूरस्थ स्थानों की बात करें तो यहां सैकड़ो प्रकरण नजर में आ रहे हैं कई अफ़सर तो ऐसे हैं जिनकी वरिष्ठता सूची में कभी तो एक वर्ग ओबीसी नजर आता है तो वही उनकी दूसरी वरिष्ठता सूची में अनुसूचित जनजाति नजर आती है यह कैसे हो सकता है कि एक ही व्यक्ति की दो जाति दूसरे ऐसे अन्य उदाहरण भी देखने को मिल रहे हैं कि डिप्लोमा धारी व्यक्ति विभाग की सहमति लेता है B E स्वाध्यायी परीक्षा देने की वो भी पत्राचार माध्यम से बैचलर आफ इंजीनियरिंग का कोर्स और अनुमति के 1 साल बाद ही वह वरिष्ठता सूची में BE अंकित कराकर डीपीसी में आ जाता है और पदोन्नति प्राप्त हो जाती है ऐसे कई उदाहरण जिससे पर्दा उठाने के लिए हम तैयार हैं और हमारे सरल और सहज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री अरुण साब जिन्होंने कमर कस ली है कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगा के रहेंगे उनकी मदद करने के लिए हम भी तैयार हैंआगामी अंकों में हम बस्तर और सरगुजा संभाग के ऐसे कई प्रकरणों को जनता के सामने लाएंगे जहां अफसरों ने कोई भी कसर साजिश करने की नहीं छोड़ी है।सरगुजा संभाग में तो पदस्थ कई ऐसे अधिकारी हैं जो ऐसे ही फर्जीवाड़ा कर कार्यपालन अभियंता और अधीक्षण अभियंता तक बने बैठे हैं जिनके विरुद्ध पुलिस में FIR कराना आवश्यक हो गया है

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