थाना पिपरिया के आरक्षक क्रमांक 775 अशोक चंद्रवंशी द्वारा सोशल मीडिया का दुरुपयोग करते हुए ऐसे कृत्य किए गए, जो सामाजिक सौहार्द्र को भंग करने और हिंसात्मक प्रवृत्तियों को प्रोत्साहित करने का प्रयास थे। यह कृत्य न केवल पुलिस विभाग की आचार संहिता और अनुशासन का उल्लंघन है, बल्कि पुलिसकर्मियों से अपेक्षित नैतिक और पेशेवर जिम्मेदारियों के प्रति घोर लापरवाही को भी दर्शाता है।
थाना प्रभारी पिपरिया द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में बताया गया कि आरक्षक अशोक चंद्रवंशी द्वारा सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट किए गए, जिनसे समाज में वैमनस्यता और तनाव उत्पन्न हो सकता था। पुलिस मुख्यालय द्वारा सोशल मीडिया उपयोग के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिनका उल्लंघन करते हुए आरक्षक ने विभागीय मर्यादाओं और निर्देशों की अवहेलना की।
पुलिस अधीक्षक कबीरधाम **श्री धर्मेंद्र सिंह (IPS)** ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरक्षक अशोक चंद्रवंशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। जांच के उपरांत कदाचार में दोषी पाए जाने पर उनके विरुद्ध कठोरतम अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक ने सभी पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया है कि वे सोशल मीडिया का उपयोग करते समय विभागीय नियमों का कड़ाई से पालन करें और अपने आचरण से समाज में पुलिस विभाग की छवि को मजबूत करें। उन्होंने यह भी कहा कि अनुशासनहीनता या कर्तव्य के प्रति लापरवाही के मामलों में **जीरो टॉलरेंस** की नीति अपनाई जाएगी।
यह कार्रवाई पुलिस विभाग के अनुशासन और मर्यादा को बनाए रखने की दिशा में एक कड़ा संदेश है और यह सुनिश्चित करती है कि किसी भी कर्मचारी द्वारा विभागीय गरिमा का हनन न हो।