कवर्धाछत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ी बोली-भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन पर केंद्रित रहा “आखर छत्तीसगढ़” का आयोजन

छत्तीसगढ़ी बोली-भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन पर आयोजित हुआ “आखर छत्तीसगढ़”

 

प्रभा खैतान फाउंडेशन द्वारा छत्तीसगढ़ प्रदेश के राजधानी रायपुर में एक दिवसीय आखर छत्तीसगढ़ कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग एवं अभिकल्प फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान किया गया।

कार्यक्रम आखर छत्तीसगढ़ का उद्देश्य छत्तीसगढ़ प्रदेश के राजभाषा छत्तीसगढ़ी और अन्य आंचलिक बोली (जैसे- सरगुजिहा, हल्बी, गोंडी, कुडुक, सदरी इत्यादि) के साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन पर वैचारिक परिचर्चा आयोजित करना है।

प्रभा खैतान फाउंडेशन के स्टेट एग्जीक्यूटिव अनंदिता चटर्जी ने बताया कि प्रभा खैतान फाउंडेशन- प्रदर्शन कला, संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा देता है, और भारत और विदेशों में लगभग 40 शहरों में सांस्कृतिक, शैक्षिक, साहित्यिक और सामाजिक कल्याण परियोजनाओं को लागू करने के लिए इनसे संबंधित प्रतिबद्ध व्यक्तियों, संरक्षकों और समान विचारधारा वाले संस्थानों के साथ सहयोग करता है। फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों को श्री सीमेंट लिमिटेड अपने सीएसआर पहल के रूप में सहयोग प्रदान करता है।

सहयोगी संस्था अभिकल्प फाउंडेशन के संस्थापक गौरव गिरिजा शुक्ला ने कहा- साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से आयोजित आखर छत्तीसगढ़ कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के राजभाषा छत्तीसगढ़ी और हमारी आंचलिक बोलीयों के साहित्य और संस्कृति से परिचित होने का बेहतरीन अवसर है। साथ ही स्थानीय बोली-भाषाओं में लिखने वाले नए रचनाकारों के लिए प्रबुद्ध साहित्यकारों को सुनने एवं आत्मसात करने के लिए आखर छत्तीसगढ़ जैसे कार्यक्रम आवश्यक हैं।

15 से अधिक बोली-भाषाओं पर केंद्रित दिन भर चले इस आयोजन में सरगुजा से लेकर बस्तर की बोली-भाषा के साथ ही छत्तीसगढ़ी कविता-कहानी, युवा लेखन और सोशल मीडिया पर केंद्रित 7 पैनल डिस्कशन हुए, जिसमें 30 से अधिक साहित्यकार और 10 से अधिक छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कलाकारों ने शिरकत की।

 

कार्यक्रम के अलग-अलग सत्र में छत्तीसगढ़ के साहित्य, कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन पर चर्चा की गयी। कार्यक्रम में युवा लेखकों एवं डिजिटल माध्यम पर छत्तीसगढ़ के साहित्य, संस्कृति, परंपरा और सभ्यता को बढ़ावा देने निरंतर प्रयास कर रहे डिजिटल क्रिएटर्स हेतु विशेष सत्र का आयोजन किया गया। आयोजन में रामनामी समुदाय द्वारा राम भजन की प्रस्तुति दी गयी। राज्य के मान्य कलाकारों ने पाम्परिक वाद्ययंत्र एवं गीत मोहारी बाजा तथा बांस गीत की प्रस्तुति दी।

आयोजन में पद्मश्री डॉ. भारती बंधु, पद्मश्री मदन चौहान, पद्मश्री उषा बारले एवं संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित काशीराम साहू , फ़िल्म निर्माता सतीश जैन, शिवव्रत सिंह पावले, विजय सिंह दमाली, डॉ. सुधीर पाठक, जयमती कश्यप, शिव कुमार पाण्डेय, शकुंतला तरार, रुद्र नारायण पाणिग्रही, परदेशी राम वर्मा, रामेश्वर वैष्णव, मीर अली मीर, अरुण कुमार निगम, चितरंजन कर, राहुल सिंह, गीतेश अमरोहित, ईश्वर साहू बंधी, चंद्रहास साहू, मिनेश साहू, वैभव पाण्डेय बेमेतरिहा, आकाश महेश्वरी, नवीन देवांगन, संजीव तिवारी, मिनेंद्र चंद्राकर, रेणुका सिंह शामिल हुए।

 

मशहूर पण्डवानी गायक चेतन देवांगन की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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