बाहपानी में 20 मई को हमारे आदिवासी भाई बहनों के साथ हुई अप्रिय दुर्घटना पर जहां एक ओर पूरा प्रदेश एवं साथ ही देश के प्रधानमंत्री गृह मंत्री राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति अपना शोक संवेदना प्रकट कर रहे हैं ऐसे विकट परिस्थिति में भी कांग्रेसियों के द्वारा अपने हमेशा के व्यवहार की तरह ऐसी संवेदनशील परिस्थिति में भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं, कांग्रेसियों के द्वारा स्थानीय विधायक की जन सेवा से उलट कुतर्क देना सिर्फ कांग्रेसियों की विधायक के प्रति द्वेस भाव का प्रदर्शन है और कुछ नहीं, पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा जी के द्वारा दुर्घटना में मृत हुए आदिवासी बैगाओ के छोटे-छोटे बच्चों को उनके भविष्य गढ़ने के लिए उनकी मूलभूत शिक्षा रोजगार एवं उनके भविष्य को स्थाई रूप देने के लिए एक अनुकरणीय कदम उठाकर सभी बच्चों को गोद लिया गया है. पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा की इस मानवता से भरे भाव विभोर करने वाले निर्णय से जलकर कांग्रेसियों के द्वारा सेमरहा गांव में हुए दशगात्र कार्यक्रम में अव्यवस्था को लेकर कांग्रेसियों के द्वारा सवाल उठाना इस भावुकता भरे स्थिति में भी राजनीति करना उनकी छोटी मानसिकता का प्रदर्शन है और कुछ नहीं जो कि कांग्रेसियों की 70 साल से एक आदत सी बन गई है जहां एक ओर इस कार्यक्रम में प्रदेश के सभी मुखिया एवं पदाधिकारी अपना कर्तव्य मानकर शामिल हुए एवं हताहत हुए परिवार के साथ अपनी भावुकता प्रकट किये. ऐसी परिस्थिती में भी राजनीति करना किसी भी मानवीय हृदय वाले इंसान के लिए अच्छा नहीं माना जाता लेकिन कांग्रेसियों की आदत कभी सुधरने वाली नहीं है।
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