कवर्धा-: आम नागरिकों को सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होते कम ही देख पायेंगे ? कारण इन महानुभावों के गुडंई से अंदाजा लगाया जा सकता है जिला अस्पताल के अधीक्षक व बड़े बाबू रोज धुत शराब के नसें में डियुटी पर तैनात कर्मचारियों को इसी अंदाज में गाली-गलौज धमकीं अपशब्दों का प्रयोग करते हैं ।
जिला अस्पताल में महिला कर्मियों का डियूटी रहती है इन शराब से धुत नसाबाज डाक्टर और बाबू का रोल क्या होता है ऊन कर्मचारी जो इनके आतंक के शिकार हो कर भी नहीं बता पाते हैं उच्च अधिकारी जो जिला के जिम्मेदार मुख्यचिकित्सा अधीकारी वायरल विडियो देख कर भी इन जैसे नसाखोर को जिला अस्पताल में यथावत बने रखना ही इनके हौसले को बुलंदियों तक पहुंचाने में मदद है इसलिए अपनी सेवा की जीम्मेदारी भुल कर असैवेधानिक शब्द और कार्य बेधडक किया जा रहा है जबकी मुख्यचिकित्सा अधीकारी रातों में गांव के अस्पतालों में दौरा करने और जांच से छोटे कर्मचारियों में दहशत है पर दिया तले अंधेरा के चरितार्थ जिला अस्पताल में देखा जा सकता है ।