कवर्धा , कबीरधाम वन मंडल में लाखो की गड़बड़ी होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। कवर्धा वन मंडल हमेशा सुर्खियों में रहता है । कभी अवैध कटाई तो कभी अवैध तस्करियों में । कबीरधाम जिले के कवर्धा विधानसभा में तत्कालीन विधायक मोहम्मद अकबर भूपेश बघेल सरकार में वन मंत्री थे । उनके कार्यकाल में कवर्धा वन मंडल के परिक्षेत्रों में रेंजरों की जगह पर डिप्टी रेंजर को प्रभारी बनाकर भारी भरकम गड़बड़ियां किया गया है जिस जीवंत उदाहरण जिला मुख्यालय से लगा हुआ विभागीय नर्सरी लालपुर है जहां पर पौधा तैयार करने नेचुरली वेंटीलेटेड शेडनेट हाउस क्षेत्र – 1400 स्क्वेर मीटर का निर्माण किया गया। जिसका आजतक उपयोग नहीं हुआ है कबाड़ में तब्दील होता दिखाई दे रहा है।
नेचुरली वेंटिलेटेड शेडनेट हाउस कबाड़ में तब्दील।
कबीरधाम जिला मुख्यालय से छटा हुआ विभागीय नर्सरी में पौधा तैयार करने के लिए नेचुरली वेंटीलेटेड शेडनेट हाउस क्षेत्र – 1400 स्क्वेर मीटर का निर्माण किया गया है जिसका निर्माण एजेंसी वन विभाग ही है लेकिन निर्माण कार्य को पूर्ण करने लिए अन्नभूमि ग्रीनटेक प्रा. लि. भिलाई-3 जिला-दुर्ग (छ.ग.) को दिया गया था। निर्माण कार्य का क्षेत्रफल डाइमेंसन 34.50 मी. x 40.50 मी. हैं। निर्माण का महिना अप्रैल 2022 है निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार के लिए विभाग ने समय निर्धारित भी किया था और ठेकेदार ने विभाग हैंडओवर 21 मई 2022 को ही कर दिया है। जो वहां पर लगे सूचना पटल पर प्रदर्शित है । लाखो की लाखो से निर्माण कराने के बाद आज तक विभाग उसका उपयोग नहीं किया जिसके चलते कबाड़ में तब्दील होता दिखाई दे रहा है।
सूचना पटल पर अपूर्ण जानकारी प्रदर्शित।
निर्माण कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए नागरिक सूचना पटल प्रदर्शित किया जाता हैं जिससे लोगों को उसकी सही जानकारी मिल सके लेकिन वन विभाग के लगभग सभी कार्यों में पारदर्शिता नहीं दिखाई जाती हैं। सूचना पटल में निर्माण कार्यों की अनुमानित लागत को प्रदर्शित नहीं किया जाता जिसके चलते कार्यों में गड़बड़ी किए जाने की संभावना बनी रहती हैं। जो लोगों में चर्चा का विषय भी बना रहता हैं।
अधिकारियों का होता हैं लगा रहता है आवाजाही।
जिला मुख्यालय के समीप लालपुर में विभागीय नर्सरी है । जहां पर विभाग का विश्राम गृह भी बना हुआ है। विश्राम गृह में विभाग के अधिकारियों को ठहराया जाता है साथ ही अन्य ओहदेदार भी विश्राम करने जाते है । उक्त विश्राम गृह के समीप ही निर्माण कार्य किया गया है लेकिन आज तक किसी भी जिम्मेदार ने झांक के नहीं देखा है ।
कौड़ी भर का उपयोग नहीं।
कवर्धा वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा नेचुरली वेंटिलेटेड शेडनेट हाउस का निर्माण किया गया है जिसमें लाखो रुपए का खर्च किया है लेकिन उसका उपयोगियां कौड़ी भर विभाग ने नहीं किया है। जो तरह तरह की गड़बड़ियां होने की संभावनाओं को जन्म देता है ।
जांच की आवश्यकता।
नेचुरली वेंटिलेटेड शेडनेट हाउस निर्माण में भारी अनियमितता बरती गई है। जिला मुख्यालय के वन परिक्षेत्र अधिकारी के पद पर डिप्टी रेंजर को पदस्थ कर भारी मात्रा में गड़बड़ीया किया गया है। यदि उक्त अधिकारी के कार्यकाल में किए गए निर्माण कार्यों की सुक्षमता से जांच करने पर लाखो ,करोड़ो रुपए की गड़बड़ियां मिलने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।