कवर्धाछत्तीसगढ़

करारी हार और सरकार चले जाने के बाद मानसिक संतुलन खो बैठे है भ्रष्ठ ठेकेदार कांग्रेसी नेता।

करारी हार और सरकार चले जाने के बाद मानसिक संतुलन खो बैठे है भ्रष्ठ ठेकेदार कांग्रेसी नेता।

सेवा तो बहुत दूर की बात, आज तक जिस भ्रष्ठ ठेकेदार ने सेवा का मच्छर भी नहीं मारा है उसके मुँह से ऐसे बातें पचती नहीं है। आज तक पंडरिया विधानसभा के इतिहास में ऐसी सक्रिय विधायक क्षेत्र को कभी नहीं मिली, जिन्होंने अपने स्वयं के व्यय से 8 एम्बुलेंस, हेल्थ वैन और कॉलेज की छात्राओं के लिये बस की सुविधा प्रदान की। हर मण्डल में जन सेवा केन्द्र खोला ताकि लोगो को दूर ना जाना पड़े। मात्र 6 महीने के अल्प समय में लगभग 200 किमी की सड़के स्वीकृत कराई, कांग्रेसी नेता अपने भ्रष्ठ कर्मों से जनता के द्वारा नकार दिए गये आज बड़ा ज्ञान बाटते फिर रहे हैं। सेमरहा वाली दुखद घटना पर भावना बोहरा जी ने उन सभी 24 बच्चों की शिक्षा,रोजगार से लेकर विवाह तक की जिम्मेदारी लेकर अपनी संवेदनशीलता दिखाई वो ही जनसेवा ही भावना है, लेकिन कांग्रेस के नेता उस घटना पर भी राजनीति करने से नहीं चुके।

एक भ्रष्टाचारी ठेकेदार नेता को ईमानदारी कहाँ से हजम होगी। पांच साल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तब किसानों की हालत किया था यह सभी जानते हैं। खाद के नाम पर मिट्टी किसानों को दी जा रही थी, पानी के लिए हमारे पंडरिया विधानसभा के किसान तरस रहें थे और यहां का पानी इनके लोग अपने क्षेत्र में ले गए तब लगातार जमीनी स्तर पर पंडरिया विधायक भावना बोहरा द्वारा लगातार किसानों व क्षेत्रवासियों के साथ आन्दोलन किया गया और आज सुतियापाट एवं क्रांति जलाशय का पानी हमारे किसानों को मिलने वाला है ।

 

किसानों की बात ये कांग्रेस के भ्रष्टाचारी नेताओं के मुंह से शोभा नहीं देती। याद है कांग्रेस के शासन में कैसे बारदाने की कालाबाजारी इन कांग्रेसियों द्वारा की गई दुगुने,तिगुने दामों में किसानों को बारदाना बेचा गया। साल में 4 बार किसानों को उनके ही अधिकार का पैसा भीख की तरह देते थे। यही कारण की है कि छत्तीसगढ़ के किसानों ने अपना कर्जा माफ़ करना नहीं स्वीकार किया बल्कि ऐसे भ्रष्टाचारियों को छत्तीसगढ़ से साफ़ कर दिया।

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