पिछले दिनों राजस्थान के लालसोट में एक दर्दनाक हादसे के बाद जिस प्रकार कानून और उसका पालन करने वाले अधिकारियों के द्वारा ऐसी स्थितियां भी पैदा की गई, जिन के बाद वहां की महिला चिकित्सक डॉ अर्चना शर्मा को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा। बहुत अफसोस की बात है कि चिकित्सक समुदाय मरीजों की भलाई में उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए बेहतरीन से बेहतरीन सेवाएं देने की कोशिश करता है, उसके बाद भी चिकित्सकों के साथ जिस क्रूरता के साथ व्यवहार किया जाता है, वह अत्यंत शर्मनाक और मनोबल को तोड़ने वाला है। इस विषय मैं यह ध्यान देने योग्य बात है कि उक्त पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई करते समय 2005 में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों की भी अवहेलना की ।
FOGSI ने हमेशा उच्चाधिकारियों के साथ मिलकर यह कोशिश की है कि ऐसी दुखद परिस्थितियों में कानून का गलत फायदा नहीं उठा कर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद दुर्घटना ना हों।
FOGSI की निम्न माँगें हैं
१. डॉ अर्चना शर्मा की आत्महत्या के संबंध में जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए। २. स्वर्गीय डॉक्टर अर्चना शर्मा के परिवार को समुचित मुआवजा दिया जाए।
३. देश में चिकित्सकों को हिंसक गतिविधियों से बचाने के लिए केंद्रीय कानून लागू किया जाए ।
४. इंडियन पीनल कोड में चिकित्सा सेवा को आपराधिक कृत्य की श्रेणी से अलग किया जाए।
५. चिकित्सा सेवा को उपभोक्ता कानून से छूट दी जाए और मुआवजे की अधिकतम सीमा निर्धारित की जाए।