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*कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन के जवाब में भाजपा द्वारा आवासहीनों का अधिवेशन*

*कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन के जवाब में भाजपा द्वारा आवासहीनों का अधिवेशन*

*पीएम आवास योजना के हितग्राहियों के मूल अधिकारों का हनन कर किसान-हितैषी होने का ढोंग करती इस सरकार ने 10 हज़ार करोड़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को जाम कर रखा है; हमारी सरकार आने पर पहले आदेश में युद्धस्तर पर बनेंगे सभी हितग्राहियों के आवास – गणेश शंकर मिश्रा*

कांग्रेस द्वारा आयोजित किए जा रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के जवाब में भारतीय जानता पार्टी द्वारा ‘मोर आवास, मोर अधिकर’ प्रदेश्व्यापी अभियान को ज़मीनी स्तर पर तीव्र करते हुए आज आवासहीनों का अधिवेशन आयोजित कराया जा रहा है। भाजपा नेता और पूर्व वरिष्ठ आईएएस गणेश शंकर मिश्रा ने इस कार्यक्रम के बारे में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि उनकी पार्टी द्वारा आरंग में अधिवेशन आयोजित किया जाएगा जो 24 घंटे तक चलेगा और दिनांक 24 फ़रवरी की दोपहर 12 बजे से 25 फ़रवरी की दोपहर 12 बजे तक चलेगा।

इसमें रायपुर ज़िला(ग्रामीण)क्षेत्र के आवासहीनों का जमावड़ा होगा जो कांग्रेस सरकार द्वारा स्वयं को पीएम आवास योजना के लाभ से वंचित रखने के विरोध में अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे। मिश्रा ने बताया कि कांग्रेस और आवासहीनों के अधिवेशन में यही अंतर होगा कि एक ओर ताम-झाम और सुख-सुविधा के साथ पिकनिक का माहौल होगा तो दूसरी तरफ़ अपने मूल अधिकार के लिए ग्रामीण ग़रीबों की गुहार होगी। मिश्रा ने कहा कि भाजपा ने आवासहीनों के अधिवेशन के लिए रायपुर ज़िला प्रशासन को सूचित किया था लेकिन शहर में इसकी अनुमति नहीं मिलने के कारण यह आरंग में आयोजित किया जा रहा है।

मिश्रा ने कहा कि ग्रामीण जीवनस्तर सुधारना केंद्र सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता में से है लेकिन छत्तीसगढ़ के 16 लाख ग्रामीण गरीब परिवारों को अब तक छत नसीब नहीं हो सकी क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार ने मैचिंग फण्ड के तहत अपने हिस्से का 40 प्रतिशन राज्यांश का पैसा नहीं दिया जबकि केंद्र द्वारा 60 प्रतिशत योगदान दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ ही पूरे देश में दो ऐसे दो राज्य हैं जहां ग़रीबों के आवास बनाने का कार्य राज्य सरकार ने रोक रखा है। जब इतने सारे आवास बनते हैं तो उसके इर्द-गिर्द एक अर्थव्यवस्था का निर्माण भी होता है, उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में पीएम आवास योजना के 16 लाख परिवारों को वंचित रखकर सरकार ने 10 हज़ार करोड़ की अर्थव्यवस्था पर रोक लगा दी है जिसके तहत ग्रामीण उत्थान और रोज़गार के अवसर निर्मित हो सकते हैं। एक तरफ़ सरकार ग्रामीण हितैषी होने की झूठी ब्रांडिंग कर रही है तो दूसरी ओर उन्होंने ग्रामीण विकास और मूलभूत अधिकारों की पूर्ति को बाधित कर रखा है। पूर्व आईएएस रहे भाजपा नेता मिश्रा ने कहा कि उनकी सरकार आने पर सबसे पहले पूरे राज्य के आवासहीनों की मौजूदा लिस्ट में मौजूद सभी हितग्राहियों के लिए आवास बनाने का समयबद्ध आदेश जारी किया जायेगा।

*भूपेश बघेल को आईना दिखाने के लिये टी एस सिंहदेव की प्रशंसा करनी चाहिए – मिश्रा*
एक प्रश्न के उत्तर में मिश्रा ने तत्कालीन पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एक भी प्रधानमंत्री आवास नहीं बना पाने की पीड़ा को अभिव्यक्त करते हुए इसे अपने सरकार कि एक बड़ी अक्षमता माना और विभाग से स्तीफ़ा दे दिया था। मिश्रा ने कहा कि टी एस सिंहदेव ने विभाग त्याग कर भूपेश बघेल को आईना दिखाया लेकिन मुख्यमंत्री के कान में जूँ तक नहीं रेंगी, फिर भी ऐसा करने के लिये सिंहदेव साहब की प्रशंसा करनी होगी कि उन्होंने बेबाक़ी से वास्तविकता को सामने लाया।

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