*शिक्षक दिवस पर विशेष*
*संघर्ष के राही, कर्म के पुजारी*
पण्डरिया विकास खंड अंतर्गत बिरकोना संकुल के शासकीय प्राथमिक शाला केशलीगोड़ान में कार्यरत प्रधान पाठक शिवकुमार बंजारे का जीवन बचपन से संघर्षों से भरा रहा गरीबी में बचपन बिता किशोर अवस्था में ही वे खेतों में मजदूरी करते और साथ ही साथ पढ़ाई भी।मात्र 14 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ कमाने खाने परिवार समेत उत्तर प्रदेश जाना पड़ा एक वर्ष बाद वापस आकर फिर से पढ़ाई शुरू की। 12वीं कक्षा में अपने संकाय में टाप स्थान प्राप्त किया उसके बाद तत्काल संविदा शिक्षक के रूप में नियुक्ति हुआ। बहुत ही कम वेतन वो भी चार पांच महीने में मिलता था शिक्षकीय कार्य के साथ माता पिता का पालन पोषण हेतु रात 12 बजे तक पंद्रह वर्षों तक दर्जी का काम किया। साथ ही उच्च परीक्षा प्राईवेट के रूप में दिलाया और उच्च परीक्षा में भी कालेज में टाप स्थान पर रहे। इन्होंने पण्डरिया शहर में रहते हुए घर तक बिजली नहीं पहुंच पाने के कारण 13 वर्षों तक चिमनी और दीपक जलाकर पढ़ाई लिखाई की। विभिन्न कलाओं में गहरी रुचि के साथ पूरी तरह शासकीय विद्यालय और ग्रामीण बच्चों के सेवा में इनका जीवन समर्पित रहा है। वे जिस भी स्कूल में गया उस स्कूल का कायाकल्प किया। इन्होंने अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में ही पढ़ाने की ठान ली है। स्वामी आत्मानंद सरकारी विद्यालय में अपने बेटी को दाखिला कराने हेतु आवेदन किया लेकिन प्रवेश नहीं मिला तो अपने ही विद्यालय में कभी-कभी साथ में लेकर जाते हैं और घर पर ही शिक्षा देते हैं। जो शिक्षक सरकारी विद्यालय के प्रति पुरी तरह अपना जीवन समर्पित कर दिया वो प्राईवेट स्कूल में अपने बच्चों को कैसे पढ़ा सकता है?
सामान्य परिस्थिति में तो कोई भी बेहतर कार्य कर सकता है। पर विपरीत परिस्थितियों में अच्छा कार्य का बेहतर परिणाम आपके सामने है-
राज्यपाल अवार्ड, मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री गौरव अलंकरण उत्कृष्ट प्रधानपाठक, मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण शिक्षादूत पुरस्कार, शिक्षा मंत्री उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान, राज्य अक्षय शिक्षा अलंकरण, नोबल टीचर अवार्ड, ग्लोबल टीचर अवार्ड, ज्ञानदीप सम्मान, विद्यादीप सम्मान, छत्तीसगढ़ रत्न सम्मान, इनोवेटिव टीचर अवार्ड, राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षक सम्मान, कर्मयोगी सम्मान, कैलाश सत्यार्थी सम्मान, गुरूघासीदास सम्मान, ज्योतिबाफूले सम्मान, इंडियन टैलेंट अवार्ड, टीचर आईकान अवार्ड, इंटरनेशनल यूनिटी अवार्ड, डायमंड आफ इंडिया अवार्ड, बेस्ट टीचर अवार्ड, अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण योद्धा सम्मान, छत्तीसगढ़ शिक्षाभूषण सम्मान, कोरोना वारियर, महात्मा गांधी राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान, छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हमारे नायक का सम्मान, स्वामी विवेकानन्द सम्मान, भक्तमाता कर्मा सम्मान, गुरु बालक दास सम्मान, सुपरहीरो अवार्ड, विशिष्ट स्वदेश प्रेमी सम्मान, विश्व शांति सद्भावना सम्मान, टीचर इनोवेशन अवार्ड, राष्ट्रीय सरस्वती सम्मान , बाबासाहब डॉ भीमराव अम्बेडकर सम्मान, श्री अरविंदो सोसायटी भारत द्वारा लगातार 3 बार टीचर इनोवेशन अवार्ड, कलिंगा विश्वविद्यालय द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान, राज्य मंत्री के हाथों शिक्षक प्रतिभा सम्मान, राज्य मंत्री के हाथों छत्तीसगढ़ के चिन्हारी सम्मान, छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा शिक्षक दिवस पर सम्मानित, एससीईआरटी द्वारा राज्य स्रोत व्यक्ति के रूप में सम्मानित, डाईट से एसआरजी के रूप में सम्मानित, जिला प्रशिक्षक के रूप में डीईओ और डीएमसी द्वारा सम्मानित, पालकों द्वारा केशली गोड़ान के चिन्हारी सम्मान, संकुल स्तर पर शिक्षक सम्मान, विकास खंड स्तर पर उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान, विधायक द्वारा सम्मानित जिला स्तर पर सतनामी समाज से सम्मानित आदि-आदि अनेक अवार्ड, अलंकरण और सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। लगभग 3500 से अधिक प्रमाण पत्र इनके कार्य के प्रति समर्पण का नतीजा है। जो इनके नाम के साथ जुड़ता चला जा रहा है। छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों के शिक्षक इनके कार्यों से प्रेरित होकर सरकारी विद्यालय की बेहतरी के लिए कार्य कर रहे हैं। बंजारे जी बच्चों तथा पालकों के चहेता शिक्षक हैं।