छत्तीसगढ़संपादकीय

राजनीतिक दलों को मुफ्त और भृष्ट्राचार का नितियों का प्रतिस्पर्धा को देश के खातिर रोकना चाहिए ।

मुफ्त व भृष्ट्टचार से दुर रहना होगा राजनीतिक दलों को

कवर्धा, विजय धृतलहरे -: कहते हैं किसी भी देश की विकास उस देश की नीति निर्धारण पर टिकी होती है और नीति निर्धारण वहां के राजनीतिक दल के नेताओं के द्वारा संचालित की जाती है क्योंकि राजनीतिक दल ही देश के शासक होते हैं और शासक के पास ही नीति निर्धारण बनती है जिसको देश के आम नागरिक के लिए लागू की जाती है जिसे प्रशासनतंत्र पूरा करने में सहयोग प्रदान करती है पर देश के राजनीतिक दल अपना नीति ही अगर गलत बनाने लगे तो उसे देश का भविष्य कितना उज्जवल होगा यह समझा जा सकता है।

आज भारत विकसित देश की ओर बढ़ चला है पर वर्तमान स्थिति चुनावी जुमलेबाजी, चुनावी हथकंडा, चुनावी विजय प्राप्त करने का लक्ष्य, इन बिंदुओं से राजनीतिक दल गिरती हुई दिखाई दे रही है परिणाम देश का भविष्य अंधकार में दिखाई पड़ता है! क्योंकि राजनीतिक दलें विभिन्न प्रकार की रेवड़िया जिसे मुफ्त की राजनीति की ओर बढ़ रही है इस मुफ्त की राजनीति से कोई भी दल अछूता नहीं है। किसी न किसी बहाने से देश के खजाने पर मुफ्त का डाका डाल रहें है।

यही दिन अगर बना रहा तो भारत देश या किसी भी राज्य जिसमें छत्तीसगढ़ भी अछूता नहीं है खजाना खाली होने में समय नहीं लगेगा। देश के नेता या राज्य के नेता इस बात को भली भांति समझते हैं पर उन्हें राजनीति में अव्वल आना है यह अव्वल पना का हद नेताओं को नीति बनाने में देश की या राज्य के भविष्य का विकास कैसे संजोना है यह नही दिखाई पड़ता है।

आगामी 2023 24 में चुनाव है और चुनाव में आगे आना है सभी राजनीतिक दलों में होड़ मची हुई और उनकी घोषणाओं को अगर आप देखेंगे तो एक से बढ़कर एक मुफ्त की बड़ी-बड़ी योजनाएं आती है जिससे देश व राज्य के कोष बिल्कुल खाली हो जाएगा और कर्ज के तले डूब जाएगी और यही आदत धीरे-धीरे नागरिकों के दिल और दिमाग में बसे जा रहा है एक दिन ऐसा आएगा कि आम नागरिक कोई भी जनप्रतिनिधि या प्रशासन चुनाव लड़ने की स्थिति में दिखाई जनता के सामने देना मुश्किल हो जाएगा इससे देश की क्या हालात होगी आप अंदाजा लगा सकते हैं।

क्योंकि जनता भी धीरे-धीरे मुफ्त और भृष्ट्राचार की आदत बनाते जा रही है अगर समय रहते राजनीतिक दल इस परंपरा में सुधार नहीं लाती है तो वह दिन दूर नहीं होगा राज्य व देश कंगाली की ओर बढ़ चलेगा वहीं जनता भ्रष्ट खुद ही हो जाएगी इससे सही वह ईमानदार नेता देश की अग्रणी पंक्तियों में दिखाई देना मुश्किल हो जाएगा और ईमानदारी कहीं ढूंढने में भी नहीं मिलेगी तब देश का क्या हालत होगा यह राजनीतिक दलों को सोचना होगा और मुफ्त व भ्रष्टाचार पर कडे ईमानदार नीति के साथ कदम उठाने होंगे तभी भारत एक महान देश बना रहेगा छत्तीसगढ़ महतारी के रूप में दर्जा प्राप्त बनी रहेगी तो सभी राजनीतिक दलों को आने वाले चुनाव में खुद ही ईमानदारी की और कठोरता से निर्णय लेनी होगी और मुफ्त की राजनीति बंद करनी होगी ।

Related Articles

Back to top button