कवर्धाछत्तीसगढ़

कवर्धा की राजनिति शार्ट टर्म की ओर तेजी से बढ़ रही है नेताओं की कार्यप्रणाली से उलझन में कार्यकर्ता*

कवर्धा की राजनिति शार्ट टर्म की ओर तेजी से बढ़ रही है नेताओं की कार्यप्रणाली से उलझन में कार्यकर्ता*

कवर्धा की राजनिति शार्ट टर्म की ओर तेजी से बढ़ रही है नेताओं की कार्यप्रणाली से उलझन में कार्यकर्ता ।

 

कवर्धा -: राजनितिक पार्टी अपने लंबी पारी तक वजुद जमा कर रखने के लिए सत्ता और संगठन को युवाओं की ओर तेजी के साथ सौंपते दिखाई दे रही है और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को साईड लाइन की ओर करते दिखाई दे रही है शायद इसीलिए छत्तीसगढ़ राज्य के सत्ता दल में कुछ ज्यादा ही गतिविधि दिखाई दे रही है! परिणाम युवाओं के हाथों में संगठन और सरकार दोनों को सौपा गया है परिणाम स्वरूप युवाओं की फौज आने वाले भविष्य को देखते हुए लंबा समय तक सत्ता में जमें रहना उद्देश्य से पार्टी तैयारी की है और युवा वर्ग को बडी संख्या में जिम्मेदारी सौंपी गई है इसीलिए विधायक मंत्री के अलावा नगरीय निकाय त्री स्तरीय पंचायत और पार्टी संगठन में भी बड़े पैमाने पर जिम्मेदारी सौपी गई है पर इन युवाओं के द्वारा लगता है लंबी पारी तक राजनीति में टिके रहना चाहते हैं या शार्ट टर्म प्लान में है युवाओं के कार्यप्रणाली निर्धारित नही दिखाई देती है कवर्धा की राजनिति छत्तीसगढ़ राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है पर वरिष्ठों की राजनीति में जो भविष्य पर निर्भरता देखी जाती रही है।

आज के वर्तमान युवा राजनीति में अभाव है और यही बात राजनीति में लंबी पारी को रोकती है बिते कांग्रेस कार्यकाल में वरिष्ठ नेता जीस तरह कवर्धा में राजनीति की छाप छोड़ गये है उसके गहरी छाप कवर्धा की राजनीति अब भी है ,चेहरा बदला गया है पर कार्य प्रणाली का असर मजबूत है परिणाम कवर्धा में अंदर ही अंदर आग का लूं लग चुकी है और धीरे-धीरे सही पर यह आग सुलगे गी जरुर फिर अपनी रिकार्ड कायम ना कर दें! सत्ता में जब राजनीति मस्त हो जायें और पावर सर चढ़ कर बोलने लगें तो तय हो जाता है शार्ट टर्म की प्लानिंग है कबीरधाम जिला के वर्तमान सत्ता और संगठन में काफी खाई बढ़ते ही जा रही है पर वरिष्ठों तो लुप्त ही एक तरह हो गये है पर वर्तमान दिशाहिन युवा राजनीति में निर्धारित लक्ष्य के अलावा प्रतिस्पर्धा की कार्यप्रणाली तय करते दिखाई दे रही है छोटा कार्यकाल, जिम्मेदार अपने उपस्थिति पर कुछ खास ही चेहरों से घीरे पाकर गद गद है जबकी जिम्मेदारी के लिए कुछ खास ही निर्धारित नही होती है यह जिम्मेदार को अवगत नही है तो जिम्मेदार के योग्यता पर भी शंस्य हो सकता है, ।

सत्ता दल में इसका पुनर्वृत्ती देखी जा रही है जिससे अनेक कयास लगाए जा रहे हैं और चौक चौराहों पर चर्चा गरम है अंदर सब कुछ सही नहीं है तभी तो प्रतिस्पर्धा हावी है!लगातार जीस अंदाज में कवर्धा जनपद पंचायत को आयोजनों से दूर रखा जा रहा है उनके उपेक्षा की जा रही है साथ ही सालों कार्यकाल बीत जाने के बाद भी स्थानीय संगठन का निर्माण नही कर पाना यह एक उदाहरण ही काफी है उलझन और छोटा कार्यकाल लेकर चल पड़े हैं युवा राजनीति,

बल्लूराम डॉट कॉम की ओर से आपको एवं आपके परिवार को दिपावली पर्व की हार्दिक बधाई आपको एवं शुभकामनाएं।

Related Articles

Back to top button