छत्तीसगढ़

संघ की स्थापना के 100 वर्ष हो रहे पूरे,जिसे शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जायेगा

आने वाला वर्ष संघ कार्य के विस्तार तथा सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित होगा

आने वाला वर्ष संघ कार्य के विस्तार तथा सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित होगा।

बांग्लादेश में हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर प्रस्ताव पारित।

रायपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा 2025 का आयोजन 21 मार्च से 23 मार्च 2025 (युगाब्द 5126, फाल्गुन कृष्ण सप्तमी अष्टमी नवमी) तक बेंगलुरु के चन्नेनहल्लि स्थित जन सेवा विद्या केंद्र में किया गया. अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का आयोजन प्रति वर्ष होता है. संघ की रचना में निर्णय की दृष्टि से यह संघ की सबसे महत्वपूर्ण बैठक है. बैठक के प्रारम्भ में संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने गत वर्ष संघ कार्य का वार्षिक प्रतिवेदन (रिपोर्ट) प्रस्तुत किया. इसके बाद प्रत्येक प्रांत के कार्यकर्ताओं द्वारा गतिविधियों एवं कार्यक्रमों की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. इस वर्ष संघ स्थापना के 100 वर्ष हो रहे हैं, इसलिए अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के दौरान संघ कार्य के विस्तार पर विचार-विमर्श किया गया. विजयादशमी 2025 से विजयादशमी 2026 तक शताब्दी वर्ष के रूप मे मनाया जाएगा. इसके लिए व्यापक जनसंपर्क की योजना बनी है. इसमें सभी क्षेत्र के लोग सम्मिलित होंगे. अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के दौरान पंच परिवर्तन (सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण जागरूकता, स्वत्व पर जोर, नागरिक कर्तव्य) पर विशेष चर्चा-चिंतन किया गया.तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के दौरान एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। यह प्रस्ताव बांग्लादेश में हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर उत्पन्न परिस्थिति और भविष्य के प्रयासों पर केंद्रित रहा.

अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के संदर्भ में छत्तीसगढ़ प्रांत की ओर से आज जागृति मंडल पंडरी में आहूत पत्रकारवार्ता में जानकारी देते हुए मध्य क्षे त्र के संघ चालक डा.पूर्णेंदू सक्सेना व छत्तीसगढ़ प्रांत के संघ चालक टोपलाल वर्मा ने बताया कि इस वर्ष विजयादशमी के दिन संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं. जैसा कि पहले बताया जा चुका है, आने वाला वर्ष संघ कार्य के विस्तार तथा सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित होगा. संघ का उद्देश्य इस उपलब्धि का उत्सव मनाना नहीं है, बल्कि 1). आत्मचिंतन करना, 2). संघ कार्य के लिए समाज द्वारा दिए समर्थन के लिए आभार प्रकट करना तथा 3). राष्ट्र के लिए तथा समाज को संगठित करने के लिए स्वयं को पुन: समर्पित करना है. उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष में हम अधिक सावधानी, गुणवत्ता तथा व्यापकता से कार्य करने का संकल्प लेते हैं. विजयादशमी के दिन से संघ शताब्दी के दौरान विशिष्ट गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करेगा।

1. शताब्दी वर्ष की शुरुआत विजयादशमी 2025 के अवसर पर होगी, जिसमें गणवेश (संघ गणवेश) में स्वयंसेवकों के मंडल, खंड / नगर स्तर के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

2. नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक तीन सप्ताह तक बड़े पैमाने पर घर-घर संपर्क अभियान की योजना बनाई गई है, जिसका विषय हर गांव, हर बस्ती, घर-घर होगा।

3. सभी मंडलों और बस्तियों में हिन्दू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक के जीवन में एकता और सद्भाव, राष्ट्र के विकास में सभी का योगदान और पंच परिवर्तन में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी, का संदेश दिया जाएगा।

4. खंड/नगर स्तर पर सामाजिक सदद्भाव बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिसमें एक साथ मिलकर रहने पर बल दिया जाएगा।

5. जिला स्तर पर प्रमुख नागरिक संवाद आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में राष्ट्रीय विषयों पर सही विमर्श स्थापित करने और आज प्रचलित गलत विमर्श को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

6. युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम प्रांतों द्वारा आयोजित किए जाएंगे। 15 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए राष्ट्र निर्माण, सेवा गतिविधियों और पंच परिवर्तन पर केंद्रित कार्यक्रम किए जाएंगे।

पिछले 100 वर्ष में संघ की यात्रा के संदर्भ में संघ ने एक संकल्प भी शताब्दी वर्ष के दौरान लिया है।

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