
पंडरिया -: अवैध वनों की कटाई जितना बेखौफ होकर वन तस्कर करते हैं ऊतना ही तेजी से भुमि माफिया भी वन भुमि को कब्जा करने में लगें रहते हैं पंडरिया उपवनमंडल के आधा क्षेत्र मैदान में बदल गया है और अवैध रूप से कब्जा हो कर कही खेती की जा रही है तो कही अवैध उत्खनन का खेल जोरो पर चल रहा है।
अब वन विभाग के अमला तो बड़ी संख्या में है पर ये अमला के रहते अवैध वन कटाई अवैध जमीन कब्जा कैसे संभव हो सकता है सवाल यह आता है पर संभव हो सकता है जैसे वन क्षेत्र में सरकार तो पट्टा जारी करती है इस योजना के आड़ में पुरा जंगल खत्म होने की कगार पे है बचा है मात्र पहाड़ जहा खेती योग्य भुमि नहीं है जहा जहा खेती लायक वन भुमि है वहा कब्जा हो चुका है जबकी पट्टा वाले वन भुमि में नियम ही रहता है एक वन को काटा नही जा सकता वनो के रहते हुए खेती के लिए पट्टा जारी की जाति है पर वन विभाग पट्टा के आड़ में गांधी के तीन बंदर बन जाति है इस कारण इसका संख्या भारी बड़े मात्रा में फैल चुकी है।
इसी तरह का खेल नरसिंगपुर क्षेत्र के सरैहा गांव में खैरडोगरी निवासी वन तस्कर अपने ट्रेक्टर में भर कर जंगली लकड़ी को बेखौफ होकर रात 11 बजे दिनांक 16/3/2025 को अपने घर ला रहे थे सुत्रनुसार खैरडोगरी बीट के कर्मचारी रात 11 बजे लकड़ी से भरी ट्रैक्टर ट्राली को पकड़ें पर नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का भरमार है ऊनके मदद लेते हुए वन कर्मचारी अधिकारी तक मामला को खतम कर ट्रैक्टर ट्राली को छोड़ने भेंट मुलाकात का दौर चला पुरी रात बातचीत चलती रही फिर वनसमिति के सदस्यों तक बात चली गई ऊनके हस्तक्षेप होने के कारण बनते बनते बात बिगड़ गई सुत्रनुसार बड़ी डिमांड चाह रहे थे पर उपलब्ध नहीं होने के कारण बात बन कर भी उलझ गया छोड चुके ट्रेक्टर को आधे रास्ते से फिर लौटा कर वन कर्मी वापिस लें गये पर सहायक परिक्षेत्र अधिकारी सभी बातें नकार कर मनगढ़ंत कहानी बताते हुए आज कार्यवाही करने की बात कही और समाचार लिखे जाने तक बताया गया पी यु आर काट दी गई है दो चट्टा लकड़ी सहित ट्रेक्टर ट्राली जब्ती कर परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय पंडरिया में खड़ी कराने की बात कही गई है इस तरह वन भुमि एवं वनों का खेल में उछाल है।इधर वन लुप्त होने के कगार पर है