कवर्धा -: महान संत बाबा गुरु घासीदास जी छत्तीसगढ़ में उस वख्त अवतार लिया जब छत्तीसगढ़ के अलावा पुरा भारत में ऊच नीच भेदभाव जोरो पर फैली थी अंधविश्वास अशिक्षा का मकड़जाल छाया था उस समय महान संत बाबा गुरु घासीदास गिरौदपुरी में पिता मंहगू माता अमरौतिन के गोद में अवतार लिया तब से विभिन्न बुराई को दूर करने का काम बचपन से ही चालूं कर दिया और मनखें मनखें एक बरोबर है इसलिए कोई भी उच नीच छुआ छुत के लायक नहीं है राष्ता दिखाया,साथ ही बाबा गुरु घासीदास जी अपने जीवन काल में जीव हिंसा अशिक्षा अंधविश्वास आडंबर वाद नसा अहिंसा के खिलाफ लड़ते रहे हैं
और आम लोगों को इससे दुर रहने रास्ता दिखाया जीन्होने बाबा गुरु घासीदास जी इन बतायें मार्ग में चलें वही सतनामी कहलायें आज बाबा गुरु घासीदास जी के बतायें मार्ग पर अनेक लोग चल कर अपने जीवन का उद्धार कर चुके हैं और दुनिया भर के आडंबर से मुक्त हैं बाबा गुरु घासीदास जी पुरे जीव जंतु के लिए कार्य किया है सब को बराबरी का अधिकार देने में बाबा जी जोर दिया है इसीलिए हर 18 दिसम्बर को छत्तीसगढ़ के अलावा देश के विभिन्न प्रांतों में अनुवाई उनके बताए मार्ग को आत्मसात करते हुए धुमधाम के साथ पंथी नित्य के अलावा जुलूस निकाल कर बाबाजी के जंयती मनाई जाती है उसी कड़ी में आज कबीरधाम जिला में जंयती पर्व बड़े धूम-धाम से जुलूस निकाल कर बाबाजी जी के अनुवाई मनायें है जिसमें कवर्धा पंडरिया के अलावा अधिकांश गांवों में भी जैतखाम का झंड़ा चढ़ाते हुए जंयती मनाई गई है