शासकीय राशन दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश महासचिव एवं आल इंडिया फेयर प्राइस शाप डिलर फेडरेशन के सहसचिव विजय धृतलहरे ने श्री बैज के आरोप को झुठ बताया और खंडन किया है ।
कवर्धा -: शासकीय राशन दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ छत्तीसगढ़ एवं आल इंडिया फेयर प्राइस शाप डिलर फेडरेशन के सहसचिव विजय धृतलहरे ने छत्तीसगढ़ राज्य के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री दीपक बैज जी के आरोप राज्य के 56 लाख लोगों को 3 माह से चांवल नहीं मिल रहा है और कारण बताया है सीएम ने अपनी फोटो छपवाने राशन कार्ड नवीनीकरण कराया है इसलिए 14 लाख राशनकार्ड अभी भी नवीनीकरण नहीं होना और 20% को वितरण नहीं होने का आरोप लगाया है ! इस पर कड़ा ऐतराज जताया है !और कहा है! राशनकार्ड में फोटो छापने का काम कांग्रेस ने भी किया था तत्कालीन रमन सरकार ने भी किया था वर्तमान साय सरकार ने भी कर रहे हैं इसके पीछे सरकार अपनी योजना को हर परिवार तक पहचान बनाना मुख्य लक्षय ही माना जा सकता है रही बात 14 लाख राशनकार्ड बन नहीं पाना इसके पीछे सरकार का कोई दोष नहीं है! क्योंकि सरकार आनलाइन राशनकार्ड नवीनीकरण के लिए मात्र पुष्टि करने का अभियान चलाया है।
राशनकार्ड धारकों को सुचित किया गया है ,और मोबाइल से सुविधा दी गई है, और आवेदन करने का भी आफसन दिया गया है !राशनकार्डधारी जब तक यह प्रक्रिया में नहीं आयेगा राशनकार्ड नवीनीकरण होना संभव नहीं है कुछ राशनकार्ड बंट नहीं पाया है यह सच है ,क्योंकि राशनकार्ड नवीनीकरण करने समय सरकार बढ़ाई इसलिए नवीन राशनकार्ड बनने में समय लगा और जैसे बटना चालूं ही हुआ था देश में आम चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो गया फिर भी राशनकार्ड योजना नया नहीं बनाया गया था सिर्फ राशनकार्ड नवीनीकरण थी इसलिए वितरण किया जा सकता था पर भी श्री बैज जी विरोध जताया और सरकार को आरोप लगाया आदर्श आचार संहिता उलंघन कर राशनकार्ड वितरण करने इस आरोप से हमारे राशन दुकानदार बली का बकरा बना दिया गया कुछ को बर्खास्त कर दिया गया।
इसलिए राज्य के राशनकार्ड बांटना बंद कर दिया गया इसलिए 20% रुका है इसके पीछे श्री बैज जी खुद है अब फिर एक बड़ी झुठ श्री बैज जी कह रहे हैं जो किसी भी राशनकार्डधारी को स्वीकार नहीं है और ना राशन दुकानदार को स्वीकार है राज्य के 56 लाख लोगों को चांवल नहीं मिला है कहना हर माह राज्य के नवीनीकरण हुआ है तो नहीं हुआ है तो दोनों अवस्था में प्रत्येक राशनकार्डधारी अपनी नई पुरानी राशनकार्ड लेकर राशन दुकान जा कर अपना राशन समान बराबर हर माह लें रहा है बल्कि अभी अप्रेल मई का दो माह का चांवल एक साथ उठा लिया है फिर कांग्रेस अध्यक्ष श्री दीपक बैज जी 3 माह से राज्य के 56 लाख लोगों को चांवल नहीं मिल रहा है बोलकर अपने एवं पार्टी का वजन हल्का कर रहे हैं
क्योंकि यह पुरी तरह 100% झुठ है जो जनता को रास नहीं आ रही है! सरकार और किसी भी राशनकार्डधारी का चांवल भी कम नहीं किया है बल्कि तत्कालीन सरकार ने जो प्रधानमंत्री अन्न योजना का 5 किलो प्रति ब्यक्ति देने घोषणा कर आपुर्ति किया गया था और नि: शुल्क था उसमें कटौती कर 3 किलों प्रति ब्यक्ति दिया 1 ,2 सदस्य वालों को दिया ही नहीं गया और कुछ महिना में राशि भी ली गई है जीसको आज तक लौटाने का वादा कर दुकान संचालक को आज तक नही लौटाई गई है?1 जिसका खमियाजा आज तक छत्तीसगढ़ राज्य के 13500 राशन दुकानदार भुगत रहे हैं 5 साल तक मात्र 30 रुपया प्रति क्विंटल कमीशन चावल वितरण में 5 रुपया प्रति क्विंटल शक्कर वितरण में नमक और अन्य योजनाओं के राशन वितरण में बिगारी दबाव बना कर कार्य उचित मुल्य संचालकों से कराया गया और अनेक दुकानदार पर अनुचित कार्यवाही किया गया जीसका दंस राज्य के साढ़े तेरह हजार दुकानदार परेशान हैं भुगत रहे हैं पर कांग्रेस के अध्यक्ष अब तक उचित मूल्य दुकान संचालकों पर भारी नही पड़े और फर्ज़ी झुठी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने लोगों के नजर से गिरने का काम करने से बचें और सरकार को घेरना ही है तो अच्छा विरोध का तरीका ढुंढे और श्री दीपक बैज जी से हम राशन दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ छत्तीसगढ़ अपिल करते है इस तरह झुठ से 100% इमानदारी पुर्वक कार्य कर रहे राशन दुकानदार आहात होते हैं।
जबकी बहुत ही कम कमीशन में कार्य करके भी अपमानित हैं परेशान हैं उन्हें और परेशान ना करें कांग्रेस नेता जबकि सरकार के हर विभाग एक तरफ है और राशन दुकान एक तरफ जीसमे 100% इमानदारी पुर्वक कार्य हो रही है 0% करप्शन है अगर कोई गड़बड़ी करता है ओ सीधा जेल जाता है सरकार इस राशन दुकानदार एवं विक्रेता के लिए कडा कानुन ला दिया है तों गड़बड़ी करने का सवाल नहीं है सभी राशनकार्डधारी को बराबर चांवल नमक गुड़ शक्कर मिल रहा है श्री दीपक बैज जी इस तरह झुठ ब्यायन गलत है इसलिए राशन दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश महासचिव विजय धृतलहरे दुकानदार की ओर से इस ब्यायन का विरोध करते हैं निंदा करते हैं।