कवर्धा। आदित्यवाहिनी द्वारा स्थानीय पी जी कॉलेज ऑडिटोरियम में भगवत्पाद आद्य शंकराचार्य का 2531 वां प्राकट्य महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जिसमें बड़ी संख्या में जिलेवासी सम्मिलित हुए।
पुरीपीठाधीश्वर श्रीमद जगद्गुरुशंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाभाग द्वारा संस्थापित आदित्य वाहिनी के इस आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में आचार्य पं. श्री झम्मन शास्त्री (कथाव्यास – व्याख्यान दिवाकर) तथा विशेष अतिथि के रूप में वक्तागण पं. श्री मोहन प्रसाद त्रिपाठी (प्रसिद्ध भगवताचार्य), श्री विजय शर्मा (राष्ट्रीय महामंत्री – आदित्यवाहिनी संगठन) तथा श्री अवधेशनंदन श्रीवास्तव (प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्यवाहिनी छ.ग.) भगवान आदि शंकराचार्य जी के जीवन दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डाला साथ ही वर्तमान श्रीमद जगद्गुरुशंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाभाग द्वारा घोषित हिंदू राष्ट्र अभियान के बारे में विस्तार से बताते हुए इस अभियान से सबको जोड़ने का आग्रह किया। सभी वक्ताओं ने एक स्वर से इस बात को दोहराया कि भगवान आदि शंकराचार्य के कारण ही आज सनातन धर्म सुरक्षित है उन्होंने ही चार तीर्थों का पुनरुद्धार किया, चार पीठ चार मठ की स्थापना की, द्वादश ज्योतिर्लिंग, 51 शक्तिपीठों को पुनर्प्रतिष्ठित किया। आज उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर ही सनातन धर्म की और हमारे अस्तित्व और आदर्श की रक्षा की जा सकती है।
उक्ताशय की जानकारी देते हुये आदित्य वाहिनी के जिलाध्यक्ष आशीष दुबे ने अवगत कराया कि सर्वप्रथम भगवान आदि शंकराचार्य का विधिवत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन एवं समष्टि हित की भावना से श्री हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया गया जिसके बाद वक्ताओं का उद्बोधन एवं उनका सम्मान हुआ अंत में सभी श्रोताओं ने भोजन प्रसादी ग्रहण किया।
कार्यक्रम का मंच संचालन एवं आभार प्रदर्शन जिला अध्यक्ष आशीष दुबे एवं बृजभूषण वर्मा ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्व जिला अध्यक्ष मारुति शरण शर्मा ,नारायण प्रसाद गुप्ता, संतोष सिंह ठाकुर, भोला तिवारी, कमलकांत रूसिया, शिव अग्रवाल, सुरेश गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता, बृजभूषण वर्मा, लोकेश त्रिपाठी, नंदू सिंह ठाकुर, कोमल सिंह राजपूत, जितेश शर्मा, मोनू सिंह ठाकुर, अंकुश विश्वकर्मा, होमेंद्र शर्मा, हरीश गांधी, संदीप शर्मा, गोपाल गुप्ता, राजेश गुप्ता, शिव शर्मा, कुलेश्वर राजपुत, जय सोनी एवं पिपरिया से नंदकुमार शर्मा, डॉक्टर मनोहर चंद्रवंशी, दशरथ सोनी, दिनेश चंद्रवंशी लोझरी का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।
शासनतंत्र से धर्मसंघ पीठपरिषद्, आदित्य वाहिनी — आनन्द वाहिनी यह माॅंग करती है कि आदिगुरु शंकराचार्य जी का जन्मकाल 507 ईसा पूर्व घोषित करें क्योंकि उनके जन्म काल को षड्यंत्रपूर्वक आठवीं शताब्दी का बताकर गलत इतिहास का प्रचार किया जा रहा है साथ ही नकली स्वयंभू शंकराचार्य के रूप में जो भ्रमण कर रहे हैं उनपर यथाशीघ्र कठोर कार्यवाही रहा उन्हें दंडित किया जावे जो कि व्यासपीठ की उज्जवल परम्परा को विकृत और दूषित करने में संलग्न हैं। इसी प्रकार संस्था ने सनातन धर्म रक्षक आदि शंकराचार्य की जयंती पर अवकाश घोषित करने की भी मांग रखी है।