दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन और सोनपत्ति का आदान प्रदान क्यों शुभ है।
कवर्धा-: बल्लूराम डांट काम
पौराणिक कथाओं अनुसार मान्यता है की जब भगवान श्रीराम रावण का वध।करने जा रहे थे तो उस दौरान उन्होंने नीलकंठ पक्षी का दर्शन किए ।इसके बाद भगवान श्रीराम को रावण पर विजय प्राप्त हुई थी इसके अलावा कहा जाता है कीरावण का वध करने के बाद भगवान श्रीराम को ब्राम्हण हत्या का पाप लगा था,भगवान श्रीराम ने उस पाप से मुक्ति पाने के लिए शिव जी की आराधना किए।मान्यता है की श्रीराम को इस पाप से मुक्ति दिलाने के लिए शिव जी ने नीलकंठ पक्षी के रूप में शमी सोनपत्ती के वृक्ष में बैठ कर दर्शन दिए तभी से दशहरे के दिन नीलकंठ के दर्शन और सोनपत्ति के आदान प्रदान करने की परंपरा है।इस दिन नीलकंठ देखना और सोनपत्ति का आदान प्रदान शुभ माना जाता है।