कांग्रेस प्रत्याशी भुपेश बघेल पर बाहरी के अलावा भृष्ट्राचार के आरोपी जीत के लिए बनी अड़चन।
मतदाता प्रत्याशी पर यह बात कहने लगें तो जीत कैसे संभव है?
कवर्धा -: 26 अप्रेल को राजनांदगांव लोकसभा के मतदाता अपना सांसद चुनने वोट कर देंगी हमारी पड़ताल जनता के बीच हुई जिसमें जनता अपना सांसद स्वच्छ छवि चाहती है जनता के बीच रहने वाली चाहती है अतिथि नेता नहीं चाहती विगत 5 साल कवर्धा विधायक अतिथि होने का खमियाजा भुगतना पड़ा है कवर्धा जैसे भाईचारा भावना से ओत प्रोत फिजा में नफरत की बीज डाल कर चलें गये अतिथि नेता जो आज भी कवर्धा के फीजा में जहर का असर दिखाई दें रही है इसका नुकसान अतिथि नेता को तो नहीं पड़ा पर यहा के आपसी भाईचारा प्रेम मुहब्बत में सैकड़ों वर्षों से रहने वाले के मन मस्तिष्क को भृमित कर गया जिसका अनेक परिणाम देखने को मिल रहा है बदनामी और मन मुटाव का हिस्सा बनना पड़ा है ठीक उसी राह पर कवर्धा राजनांदगांव के मतदाता अपना सांसद अतिथि नहीं चाहता है छत्तीसगढ़ राज्य में राज्यसभा अतिथि लोगों को कांग्रेस दलगत लाभ पहुंचाते हुए दी है जो छत्तीसगढ़ के जनता से उन्हें कोई सरोकार नहीं है ठीक उसी तर्ज़ पर राजनांदगांव लोक सभा में कांग्रेस भुपेश बघेल को प्रत्याशी बना कर अपने ही समान ना समझ समझ रखी है ।
भुपेश बघेल को राजनांदगांव कवर्धा खैरागढ़ मानपुर मोहला अंबागढ़ चौकी डोगरगांव डोंगरगढ़ के जनता सांसद बना कर भुल करें और यह सांसद बनने के बाद दुर्ग भिलाई में और दिल्ली में रहें जनता से दूर तो कांग्रेस प्रत्याशी भुपेश बघेल गलत फहमी में है यह क्षेत्र के अनेक मतदाता कह रही है अगर मतदाता बाहरी प्रत्याशी के अलावा भृष्ट्राचार के आरोपी होने जो आज नहीं कल जेल के हवाले होने वाले हैं जनता कहने लगी है तो वोट को अपना खराब होने से बचायेंगी मतदाता कह रही हैं! मतदाता जागरुक हो चुकी है प्रत्याशी के हरेक कृत्य पर ध्यान रखने लगी है इस हालात में लोकसभा राजनांदगांव के कांग्रेस प्रत्याशी भुपेश बघेल का डुपती नईया पार होना मुस्किल ही है इसलिए लिए कवर्धा के तत्कालीन अतिथि विधायक एवं दबंग तत्कालीन मंत्री के प्रस्ताव पर भुपेश बघेल राजनांदगांव लोक सभा में कुद पड़े और प्रस्ताव रखने वाले चुनाव कुछ ही दिन रह गये पर क्षेत्र से लापता है जनता के सामने ही नहीं दिखाई दें रहें हैं ये तत्कालीन अतिथि नेता इस नया अतिथि नेता को अपने श्रेणी में लाना निश्चय कर चुके हैं उसी के परिणाम में लगे हुए नजर आ रहे हैं! फिर हाल तीन राष्ट्रीय दल बसपा भाजपा और कांग्रेस अपना प्रत्याशी उतार चुकी है पर कांग्रेस बाहरी और भृष्ट्राचार के बोझ के साथ क्या भुपेश बघेल अपनी कैरियर बचा पायेंगे मतदाता के अनुसार असंभव लगता है।