कवर्धा -: एन डी ए या इंडिया गठबंधन से हटकर बसपा अकेला चलने की आदी रही है बसपा विचारधारा पर अडिग होते हुए देश के सामने अकेले लोकसभा चुनाव में जाने कूद पड़ी है देश की जनता विचारधारा को प्राथमिकता देती है तो निश्चित ही बहुजन समाज पार्टी एक बहुत जनता के सामने अच्छा विकल्प बनकर सामने खड़ी है आज एन डी ए हो या इंडिया एलाइंस हो दोनों दलों में भारी विचारधारा की गिरावट आई है एक तरफ होड़ मची हुई है भाजपा में प्रवेश होने का दूसरे तरफ कांग्रेस उन नेताओं को आड़े हाथ लेने से चुक भी नहीं कर रही है जो उन्हें छोड़कर भाजपा में प्रवेश कर रहे हैं अब चौंकाने वाली विषय यह है ।
भाजपा की इतनी सारी मेहनतकश कार्यकर्ता मौन धारा में चले गए हैं अगांतु नेताओं की होड़ मची हुई है और उन्ही नेताओं को धड़ाधड़ पद भी सांसद विधायक मंत्री मुख्यमंत्री जैसे तमाम पदों पर सुशोभित होने का मौका भी मिल रहा है वहीं दूसरे तरफ वर्षों से तपस्या करने वाले भाजपा के कार्यकर्ता मात्र जिंदाबाद का नारा ही लगाते हुए झंडा और डंडा लेकर खड़े होते दिखाई देते हैं पर इस सबसे हटकर बहुजन समाज पार्टी अपने विचारधारा को लेते हुए जनता के सामने फिर मैदान में अकेले खड़ी नजर आ रही है अब भारत के नागरिक विचारशील को पसंद सिद्धांत को पसंद करती है तो निश्चित ही बहुजन समाज पार्टी को देश की बागडोर संभालने के लिए सामने लाने होगी इसी कड़ी में राजनांदगांव लोकसभा सिट महत्वपूर्ण सिट इसलिए हो जाता है छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने क्षेत्र को छोड़कर राजनांदगांव लोकसभा में किस्मत आजमाने मैदान में उतर गए हैं वहीं पहले से सांसद संतोष पांडे जो प्रखर वक्ता है उन्हें दोबारा भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारी है इन दोनों बड़े नेताओं के सामने नया चेहरा देवलाल सिन्हा को बहुजन समाज पार्टी ने राजनांदगांव लोकसभा में अपना प्रत्याशी बनाकर इन दोनों नामी चेहरा को टक्कर देने उतार चुकी है देश में आज तीसरी शक्ति जो किसी भी प्रभाव से परे होकर एक मजबूत चुनौती के रुप में बसपा खड़ी हुई नजर आ रही है अब जनता की बारी है किसे अपना पसंदीदा बनाती है बहर हाल राजनांदगांव लोकसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा ।