
*पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि…..*
*दीपक बैज का बयान….*
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने आज पत्रकारों के साथ अपनी बातचीत के दौरान बताया कि वह बिहार के पटना की यात्रा पर निकलने वाले हैं। उन्होंने कहा, “आज मैं बिहार के पटना के लिए रवाना हो रहा हूँ,” यह घोषणा करते हुए उनके मन में उत्साह की एक स्पष्ट लहर महसूस की जा सकती थी। उन्होंने आगे बताया, “कल वहां कांग्रेस वर्किंग कमेटी की विस्तारित बैठक होने जा रही है,” जो कि उनके दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है।
दीपक बैज ने यह भी संकेत दिया कि “बिहार में आजादी के बाद पहली बार सीडब्ल्यूसी की बैठक हो रही है,” जिससे यह अवसर और भी विशिष्ट बन गया है। उन्होंने कहा, “निश्चित रूप से वहां ऐतिहासिक क्षण होगा,” जिसमें उन्होंने उन संभावनाओं की ओर इशारा किया जो इस बैठक से हासिल की जा सकेंगी।
उन्होंने बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों का भी जिक्र किया, यह बताते हुए कि “साथी बिहार में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने वाला है।” यह चुनाव कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसके परिणामस्वरूप “बिहार में कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने की संभावनाएं हैं।” इस प्रकार, उनके बयान में राजनीतिक दृष्टिकोण और रणनीतिक सोच का स्पष्ट नमूना देखने को मिला।
*वही कवर्धा कि घटना को लेकर कहा*
वही कवर्धा की घटना को लेकर उन्होंने विस्तृत टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि दो दिन पहले कवर्धा में दो समुदायों के बीच गंभीर संघर्ष हुआ, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है, विशेष रूप से इस प्रकार की घटनाएं कवर्धा जिले में लगातार बढ़ती जा रही हैं। यह जिला उपमुख्यमंत्री का क्षेत्र है, ऐसे में यहाँ कानून और व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, लेकिन हालात यह दिखाते हैं कि यहां पर कानूनी व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है।
उन्होंने यह भी बताया कि यह दो समुदायों के बीच का विवाद पिछले डेढ़ वर्ष से अधिक समय से चल रहा है। इस प्रकार की स्थिति में दोनों पक्षों के बीच संवाद की आवश्यकता है, लेकिन अभी तक दोनों पक्षों को एक साथ बैठाकर बातचीत करने का प्रयास नहीं किया गया है। इस पूरे मामले में एक और गंभीर चिंता का विषय यह है कि एक-दूसरे के समुदायों को आपस में भिड़ाना और राजनीतिक लाभ उठाना कुछ राजनीतिक दलों, विशेषकर हाथी जनता पार्टी, का छिपा हुआ एजेंडा प्रतीत होता है। कवर्धा की राजनीतिक स्थिति में, यह सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है, जो स्थिति को और अधिक जटिल और चिंताजनक बना रहा है।
*जीएसटी को लेकर बीजेपी अभियान को लेकर कहा*
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा जीएसटी के संबंध में चलाए जा रहे वर्तमान अभियान के संदर्भ में, पार्टी जीएसटी की प्रशंसा करते हुए उसे एक सफल पहल के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास कर रही है। हालांकि, यह भी जानना आवश्यक है कि जब कोरोना महामारी के दौरान देश में कठिन समय था, तब केंद्र सरकार, जिसकी अगुवाई प्रधानमंत्री मोदी कर रहे थे, ने पेट्रोल और डीजल पर वैट के तहत एक्साइज ड्यूटी को 30 से 35 रुपये तक बढ़ा दिया था। इसके बाद, जब कोरोना की स्थिति में सुधार हुआ और सामान्य जीवन की ओर वापसी हुई, तब सरकार ने मात्र 5 रुपये कम किए, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि वह जनता पर किसी प्रकार का एहसान जताने का प्रयास कर रही है।
इसके अतिरिक्त, 2017 में जब सरकार ने जीएसटी दरों को बढ़ाया, तो कांग्रेस पार्टी ने इसके खिलाफ अपना मजबूत विरोध व्यक्त किया था। उन्होंने यह तर्क किया था कि खासकर खाद्य सामग्री जैसे आवश्यक वस्तुओं पर जो कभी टैक्स के दायरे में नहीं आते थे, उन पर भी बीजेपी सरकार ने टैक्स लागू कर दिया था। इस प्रकार, पिछले आठ वर्षों के दौरान सरकार ने जीएसटी के माध्यम से आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ाया। अब जब सरकार कुछ कदम उठाकर जीएसटी की प्रक्रिया को सरल बनाने और टैक्स की दरों में सुधार करने का दावा कर रही है, तब बीजेपी जीएसटी को लेकर ‘बचत उत्सव’ मनाते हुए अपनी उपलब्धियों का गुणगान करने में लगी हुई है। यह सब कुछ न केवल जनता के हित में है, बल्कि नीति बनाने में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की आवश्यकता को भी दर्शाता है।
*उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के बयान पर किया कटाक्ष…*
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के हालिया बयान पर एक तीखा कटाक्ष करते हुए यह कहा गया है कि उन्हें कांग्रेस की गतिविधियों और चिंताओं पर ध्यान देने के बजाय अपने गृह क्षेत्र कवर्धा में ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जनता की भलाई और प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा के मामलों पर उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए। वर्तमान समय में, छत्तीसगढ़ प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति अत्यंत चिंताजनक बनी हुई है, और यह स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। हर दिन हिंसा की घटनाएँ, जैसे चाकूबाजी, लूटपाट, और हत्या, सामने आ रही हैं, जो प्रदेश की आम जनता के लिए चिंता का विषय बन चुकी हैं। इसलिए, विजय शर्मा को यह ध्यान रखना चाहिए कि वर्तमान में उनकी प्राथमिकता कांग्रेस की आलोचना करने की बजाय मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारने पर होनी चाहिए ताकि प्रदेश में एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण स्थापित किया जा सके।