
पंडरिया. अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितंबर को प्रकृति विज्ञान शिक्षण यात्रा संस्था छत्तीसगढ़ द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार, प्रकृति संरक्षण, विज्ञान प्रचार-प्रसार, स्वच्छता, स्वास्थ्य, कला, संस्कृति, समाज सेवा, महिला सशक्तिकरण, रूढ़िवाद उन्मूलन, अंधविश्वास निर्मूलन, नशामुक्ति, जन-जागरूकता सहित अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए राज्य अलंकरण 2025 का आयोजन प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन अकादमी भवन कुरूद, धमतरी में किया गया।
इस अवसर पर शासकीय प्राथमिक शाला रहमान कापा, कबीरधाम के शिक्षक लक्ष्मण बांधेकर को कर्मवीर अलंकरण सम्मान से अलंकृत किया। यह सम्मान शिक्षक बांधेकर को शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार, वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रसार, विज्ञान जागरूकता, जनसेवा तथा प्रकृति संरक्षण जैसे विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में चयनित शिक्षकों का परंपरागत विधि से सम्मान किया गया। उन्हें मंच पर बैठाकर दूध-मिश्रित जल से चरण प्रक्षालन, तिलक-चंदन और महाआरती की। जो विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। अतिथियों के करकमलों से चयनित सभी शिक्षकों को मोमेंटो, प्रशस्ति-पत्र, मेडल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए पद्मश्री अजय मंडावी ने कहा – “मैं मूर्तियों को नहीं गढ़ता, इंसानों को गढ़ता हूं। शिक्षक वही है जो समाज के लिए इंसान गढ़ता है। प्रकृति शिक्षण विज्ञान यात्रा भी यही कार्य कर रही है, जो लोगों में वैज्ञानिक सोच और जन-जागरूकता को बढ़ा रही है।”
मुख्य अतिथि डॉ. हित नारायण टंडन (सहायक प्राध्यापक, कुरूद) ने कहा कि “इस प्रकार का सम्मान शिक्षक बनने के गौरव को और गहरा करता है।”
समारोह में अभिषेक शुक्ला (प्रकृति शिक्षण विज्ञान यात्रा, छत्तीसगढ़), नीरज वर्मा (इसरो साइंस एक्टिविस्ट, महाराष्ट्र), कालिदास नाकाड़े (यंग खगोल विज्ञान समूह, नागपुर), रश्मि वर्मा (आर.के. साइंस सेंटर, नागपुर), नितिन कुमार पटेल (अगस्त्या इंटरनेशनल फाउंडेशन, भोपाल), संजीव सुर्यवंशी (नवाचार गतिविधि समूह, छत्तीसगढ़), मोतीलाल देवांगन (प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन), समीक्षा गायकवाड़, लखन लाल साहू, भुनेश्वर मरकाम, विद्यावती साहू, संध्या कुशल, कुमार मण्डावी की विशेष रूप से सहयोग एवं उपस्थिति रही।
इस अवसर पर प्रदेशभर से 100 शिक्षकों एवं 10 खोजी छात्रों को उनकी विलक्षण प्रतिभा और रचनात्मक कार्यों के आधार पर सम्मानित किया गया।
यह सम्मान समारोह केवल एक औपचारिक आयोजन न होकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित करने और अन्य लोगों को प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर सिद्ध हुआ।