
पण्डरिया- नई शिक्षा नीति के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षा को रोचक व प्रभावी बनाने के उद्देश्य से शासकीय प्राथमिक शाला केशलीगोड़ान, संकुल केंद्र-बिरकोना, विकास खंड-पण्डरिया में पदस्थ प्रधान पाठक शिवकुमार बंजारे द्वारा एक अत्यंत उपयोगी और अभिनव “जादुई पिटारा” तैयार किया गया है। यह पिटारा 3 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए फाउण्डेशनल लिट्रेसी एवं न्यूमेरेसी तथा शिक्षा के 3 विकासात्मक लक्ष्य- बच्चों का अच्छा स्वास्थ्य और खुशहाली को बनाए रखने, बच्चों को प्रभावशाली संप्रेषक बनाने, बच्चों का सीखने के प्रति उत्साहित करते हुए आसपास के परिवेश से जोड़ने के उद्देश्य की पूर्ति हेतु बनाया गया है। छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदत्त 2000 रुपये की राशि तथा ‘कबाड़ से जुगाड़’ और स्वयं की कला-कौशल के माध्यम से तैयार इस जादुई पिटारे में 100 से अधिक लर्निंग टीचिंग मटेरियल का समावेश किया गया है।
एनसीईआरटी द्वारा जारी जादुई पिटारा में मुख्यतः 53 प्रकार की सामग्री समाहित है। बंजारे जी द्वारा निर्मित पिटारे में भाषा विकास के चार खंडीय रुपरेखा- मौखिक भाषा विकास, शब्द पहचान (ध्वनि जागरूकता, डिकोडिंग, ग्रिडिंग, ब्लेंडिंग) पठन व लेखन के साथ ही गणितीय कौशल- ईएलपीएस ( ठोस अनुभव, गणित की भाषा, चित्र, सिंबाल) की जानकारी को खेल गतिविधियों और मूर्त अनुभव के माध्यम से रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। जादुई पिटारा की प्रमुख सामग्री में शामिल हैं- डफली, डमरू, बांसुरी, रस्सी सीढ़ी, बांटी, भंवरा, बिल्लस, लूडो, सांप-सीढ़ी, बिल्डिंग ब्लॉक्स, गुड्डा-गुड़िया, जोकर कार्ड, सुबीटाईजिंग कार्ड, चकला-बेलन, रसोई सेट, थ्री डी खिलौने, फिली बैग, पहेली कार्ड, लेसिंग बोर्ड, वेल्क्रो शेप्स, जिग्सा पज़ल, बालिंग सेट, चित्र कार्ड, कविता, कहानी पोस्टर, मुखौटा, ट्रेसिंग कार्ड आदि। यह पिटारा न केवल बच्चों के लिए शिक्षण को मनोरंजक बनाता है, बल्कि शिक्षक की भूमिका को भी अधिक प्रभावी एवं नवाचारी बनाता है।
यह एक प्रेरणादायक प्रयास है और ऐसी जादुई पिटारा हर प्राथमिक विद्यालय में अनिवार्य रूप से उपलब्ध होनी चाहिए, जिससे प्रारंभिक शिक्षा की नींव को सशक्त किया जा सके।