छत्तीसगढ़मुंगेली

बकेला बांध की नहर का विस्तार कर छाया वृष्टि क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग।

बकेला बांध की नहर का विस्तार कर छाया वृष्टि क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग।

मूँगेली। छत्तीसगढ़ के कर्वधा और मूँगेली जिले के 50 से अधिक गाँवों में सिंचाई की समस्या के समाधान हेतु बकेला बांध के निर्माणाधीन नहर को इन क्षेत्रों तक विस्तारित करने की मांग की जा रही है। यह क्षेत्र छाया वृष्टि (कम वर्षा) वाले क्षेत्र में आता है, जहां गर्मी के मौसम में भूजल का स्तर काफी नीचे चला जाता है, जिसके चलते पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न होती है।

बकेला बांध के निकट स्थित क्षेत्रों, विशेष रूप से कबीरधाम जिले के महली, बधर्रा, भैसमयबोंड, भुवालपुर, महका, सेन्हाभाठा, कुण्डा, ओडाडबरी, लोखान, माकरी, नानापुरी, नवापारा, नेऊरगाव, नावागांव और मूँगेली जिले के भरेवा, सुकली, रसपालपुर, केहरपुरा, केसली, मारवाड़ी, लालपुर, बीजापुर, शुक्ला भाटा, सोनपुरी, पावनी, डोडा, मदनपुर, सिलाई बाबू, सेतगंगा, खेरा, सिपाही, बिजातराई, बोदा, दाबो, हरियरपुर, तरवरपुर, पलांसरी, केसतरा, चमारी आदि गाँवों में सिंचाई के लिए नहर के विस्तार की मांग की जा रही है। इन क्षेत्रों में मुख्यतः गन्ने की खेती होती है, और गर्मी के दिनों में पानी की बहुत कमी हो जाती है।

केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू से मुलाकात करते हुए भारतीय किसान संघ मूँगेली के जिला संयोजक श्री संजय सिंह परिहार, अध्यक्ष श्री विवेकानंद साहू, सामाजिक कार्यकर्ता श्री आकाश परिहार, बोदा के सरपंच श्रीमती उत्तरा अंचल, उपसरपंच श्री कन्हैय्या बैस और अन्य किसान प्रतिनिधियों ने बकेला बांध की नहर को विस्तार देने की मांग की है। उन्होंने बताया कि सेंट्रल बोर्ड द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार पंडरिया और मूँगेली क्षेत्र को सेमी रेड जोन घोषित किया गया है, जो भविष्य में सिंचाई के लिए गंभीर संकट खड़ा कर सकता है।

किसानों ने मांग की है कि बकेला बांध की नहर के सर्वेक्षण में इन क्षेत्रों को शामिल किया जाए ताकि इन गांवों के किसानों को सिंचाई का लाभ मिल सके और पेयजल की समस्या का भी समाधान हो। यह परियोजना हजारों किसानों को लाभान्वित करेगी और इस क्षेत्र के कृषि उत्पादन को बढ़ावा देगी।

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