कवर्धा -: कवर्धा शहर से 12 किलोमीटर दूर वनांचल मैकल पर्वत के श्रंखला में किसानों के असिंचित खेती को सिंचित के उद्देश्य से सरोधा जलाशय का निर्माण किया गया था सरोधा जलाशय से अनेक ग्राम के किसानों को खेती कार्य करने के लिए पानी का उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया गया था पर विगत 10 साल से किसानों को खेती के लिए सरोदा जलाशय से पानी उपलब्ध कराना लगभग बंद सा हो गया है।
बल्कि उक्त जलाशय का उपयोग कवर्धा शहर वासियों के विभिन्न उपयोग के लिए किया जा रहा है! गर्मी के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों का वाटर लेवल नीचे चला गया है वही क्षेत्र के किसानों के द्वारा गन्ना व विभिन्न ग्रीष्म ऋतु का फसल अपने खेतों में डाली गई है पर सरोधा जलाशय किसानों को खेती के लिए पानी उपलब्ध नहीं करा रही है और कवर्धा शहर वासियों के लिए पेयजल एवं निस्तारी के लिए बड़ी मात्रा में पानी का उपयोग किया जा रहा है ।
इस गतिविधि के लिए क्षेत्र के किसानों में अब आक्रोश व्याप्त होने लगा है सरकार व विभाग को किसानों द्वारा आज ज्ञापन के रूप में मांग पत्र सौंपा गया है ! अपने मांगों में किसानों ने कहा है सरोदा जलाशय का निर्माण किसानों के खेतों में पानी के लिए ही हुआ है किंतु जिस उद्देश्य से निर्माण सरोधा जलाशय का हुआ है वह उद्देश्य पूर्ति नहीं किया जा रहा है जिससे किसानों के खेत सूखे पड़े हैं और शहर वासियों को पानी भरपूर दिया जा रहा है ।
सरकार शहर वासियों के लिए पानी का बेवस्था कराये इससे किसानों को आपत्ति नहीं है पर सरोधा बांध तो किसानों के लिए बनाई गई है उस बांध का पानी तो किसानों के खेतों में जानी चाहिए जिससे किसान खेती कर अच्छी फसल पैदा कर सके शहर वासियों के लिए अलग से बेवस्था सरकार और प्रशासन करें !सरोधा जलाशय का पानी वेस्ट कर किसानों के भविष्य पर कुठारा घात करना बंद किया जाए अन्यथा किसान जन आंदोलन छेड़ सकती है इस पर ग्राम कापा के किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है ।