कवर्धा -: छत्तीसगढ़ राज्य के सभी विभागों के कर्मचारी अधिकारी भुपेश सरकार में हड़ताल करते करते थक चुके अब भी एक दो कर्मचारी संगठन हड़ताल में बैठे ही है!इन सब के पीछे मात्र भुपेश सरकार का बिते चुनावी घोषणापत्र रहा है! सरकार बनाने के नाम पर मनमाने घोषणा पत्र जारी करने वाले भुपेश सरकार घोषणा पत्र पुरा करने में घिरी रही पर घोषणा पत्र पुरा नही कर पाई परिणाम अनेक संगठन सरकार से नाराज़ हो चुके हैं सरकार से फिलहाल पंग्गा कोई नहीं लें पायेगा पर ख़ामोशी की आग में कही सरकार जल ना जायें यह तो समय के हाथ में है !उसी आस में छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विभाग के अनेक संगठनों ने भी सरकार से अपनी मांगों के समर्थन में अंतिम दौर में हड़ताल पर चलें गये 21 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल स्वास्थ्य कर्मचारी अधिकारी अपने विभिन्न मांगों को लेकर राज्य भर से लगभग 40 हजार स्वास्थ्य कर्मचारी अधिकारी हड़ताल पर बैठे रहे पर सरकार टस से मस नहीं हुई एक भी सुनवाई नहीं किया गया उपर से हड़ताली कर्मचारी अधिकारी पर एस्मा लगा सकती बरती गई पर बहुत कर्मचारी अपने मांगों को लेकर हड़ताल में बैठे रहे कुछ कर्मचारी सरकार के रुख समझ कर हड़ताल से वापस आ गये पर जो हड़ताल से वापसी नहीं किए उनमें से लगभग 5 हजार के आसपास कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया है जीसमे कबीरधाम जिला से 161 स्वास्थ्य विभाग के ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य संयोजक पुरुष महिला को भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अपने पत्र क्र./स्था अविज्ञप्त/2023/6092कबीरधाम दिनांक 02/09/2023 को सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965के तहत अपने विभिन्न प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए 1979की धारा 4की उपधारा (1)(2) का उपयोग करते हुए 161 ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ महिला एवं पुरुष स्वास्थ्य कर्मचारी अधिकारी को सेवा से वंचित करते हुए बर्खास्त कर दिया गया है! जबकी स्वास्थ्य विभाग के हड़ताली कर्मचारी अधिकारी संगठन मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उनके आसवासन से हड़ताल समाप्त कर चुके हैं!बाऊजुद अब तक हड़ताली कर्मचारी को वापस सेवा में नहीं लिया गया है जबकी सरकार चुन चुन कर आपस में कर्मचारी एकता विखंडित हो समझ कर कुछ शहरी क्षेत्रों में काम करने वाले अधिकारी कर्मचारी को काम पर वापसी करा लिया है पर ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ उप स्वास्थ्य केन्द्र के महिला पुरूष स्वास्थ्य कर्मचारी को बर्खास्त ही कर रखें है! जिससे कर्मचारी प्रांत संगठन प्रमुखों के मौन पर आक्रोशित हो रहे हैं एक मांग भी सरकार तो पुरा नही की उपर से सब को बर्खास्त कर घर बैठा दी है झुठे आसवासन में फस कर हड़ताल वापस कर चुप घर बैठे हैं!अनेक कर्मचारियों के घर चलना मुश्किल हो रहा है सरकार कोई ध्यान नहीं कर रहा है ग्रामीण स्वास्थ्य बेवस्था चौपट हो गया है जबकि गांव गांव हर घर वर्तमान समय वायरल शर्दी बुखार खांसी का प्रकोप है निजी अस्पताल में भर्ती होने जगह नहीं है गांव के उपस्वास्थ्य केंद्र सुनें पड़े हैं राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम कागजों में दौड़ रहा है धरातल स्वास्थ्य कार्यक्रम ठप्प है एक दो दिन में आचार संहिता लागू होने वाली है फिर तो हड़ताली स्वास्थ्य कर्मचारी अधिकारी सेवा में वापिस आना मुश्किल ही होगा सरकार का रुख सिर्फ धान और किसानों पर इस्थीर है फिर हाल कबीरधाम जिला में 161 स्वास्थ्य कर्मचारी बर्खास्त होकर घरो में बहाली का इंतजार में हैं जो संभव नजर नहीं आ रहा है आगे कर्मचारी संघ कौन सी अपने सेवा बहाली पर कदम उठाती है नजर भी नहीं आ रहा है यह और आश्चर्यजनक बनी हुई है!