
श्रद्धा, संकल्प और सनातन परंपरा की अनूठी मिसाल बनी कांवड़ यात्रा:-उपमुख्यंत्री श्री विजय शर्मा
कवर्धा, 26 जुलाई 2025। श्रावण मास की भक्ति, तप, त्याग और शिव आराधना की परम पुण्यधारा में समग्र छत्तीसगढ़ में हर हर महादेव और बोलबम की जयघोष से गुंजायमान हो रहा है। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा स्वयं पंडातराई पहुंचे और मध्यप्रदेश के अमरकंटक से ऐतिहासिक भोरमदेव मंदिर तक 151 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा पर निकलीं पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा का पारंपरिक रीति रिवाज और पुष्पवर्षा कर ‘बोल बम’, ‘हर-हर महादेव’ के जयघोष के साथ कांवड़ यात्रा में शामिल सैकड़ों शिवभक्तों का स्वागत अभिनंदन कर उन्हें शुभकामनाएं दीं।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने विधायक श्रीमती बोहरा को शॉल और मिठाई भेंट कर कहा कि यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि सनातन धर्म की हजारों वर्षों पुरानी परंपरा का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि माँ नर्मदा के पावन जल से बाबा भोरमदेव का जलाभिषेक करने के इस संकल्प के पीछे छत्तीसगढ़ की सुख, शांति और समृद्धि की कामना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह पावन यात्रा भगवान भोलेनाथ की कृपा से संकल्प से सिद्धि तक की राह प्रशस्त करेगी।
उपमुख्यंत्री श्री शर्मा ने पंडरिया विधायक भावना बोहरा की इस प्रेरणादायी पहल की सराहना करते हुए कहा कि उनका यह संकल्प केवल व्यक्तिगत आस्था नहीं, बल्कि जन-जन के कल्याण की भावना से ओतप्रोत है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की भावना ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की है, जहाँ व्यक्ति स्वयं के लिए नहीं, समाज के लिए साधना करता है। यह यात्रा उसी भाव की झलक है।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि आज पूरा छत्तीसगढ़ भक्ति के इस महासागर में डूबा है। सरगुजा से बस्तर और मानपुर-मोहला से महासमुंद तक, हर गांव, हर शहर में ‘बोल बम’ की गूंज है। यह सावन का महीना हमारे सनातन धर्म की भक्ति और सेवा परंपरा का प्रतीक है, जो आत्मिक शुद्धि, सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक उन्नयन का संदेश दे रहा है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा में कांवड़ यात्रा सदियों से समाहित रही है। इस यात्रा में भक्ति के साथ-साथ अनुशासन, एकता और त्याग का संगम होता है। सनातन संस्कृति में श्रावण मास को सबसे पवित्र माह माना गया है, और इस मास में की गई कांवड़ यात्रा शिव कृपा प्राप्ति का श्रेष्ठ माध्यम मानी गई है।
ज्ञात हो कि विधायक भावना बोहरा 21 जुलाई को मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल अमरकंटक पहुंची थीं, जहाँ उन्होंने माँ नर्मदा मंदिर और नर्मदेश्वर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना कर माँ नर्मदा का पावन जल लिया और छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पुरातात्विक दृष्टि से प्रसिद्ध बाबा भोरमदेव मंदिर में जलाभिषेक हेतु 151 किलोमीटर की पदयात्रा प्रारंभ की। यात्रा में बड़ी संख्या में कांवड़िए, महिला श्रद्धालु, युवजन, सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता और सनातन धर्म के अनुयायी सम्मिलित हुए हैं।
कार्यक्रम में स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और धार्मिक संगठनों की गरिमामयी उपस्थिति रही। पूरे मार्ग में जगह-जगह श्रद्धालुओं के लिए जलपान, विश्राम और स्वागत की व्यवस्था की गई जा रही है।