
रायपुर, छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ में यादव समाज की बड़ी आबादी के बावजूद, राज्य सरकार द्वारा मंत्रिमंडल और निगम-मंडलों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व न दिए जाने पर समाज में गहरा असंतोष और आक्रोश व्याप्त है। छत्तीसगढ़ (ठेठवार) यादव समाज महासभा के प्रांताध्यक्ष श्री गुलेन्द्र कुमार यादव ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह न केवल समाज के राजनीतिक अधिकारों का हनन है, बल्कि सरकार की समावेशी नीति पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। इस संबंध में एक प्रेस वार्ता भी आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश स्तर के पदाधिकारी शामिल हुए।
श्री यादव ने बताया कि छत्तीसगढ़ में यादव समाज सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से वर्षों से सक्रिय रहा है। कृषि, व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ ही, समाज ने प्रत्येक चुनाव में राजनीतिक दलों को समर्थन देकर लोकतंत्र को मजबूत किया है। इसके बावजूद, सत्ता में भागीदारी की बात आने पर यादव समाज को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि छत्तीसगढ़ में पिछड़े वर्ग की जातियों में यादव समाज गणना के अनुसार दूसरे स्थान पर है।
गुलेन्द्र कुमार यादव ने निगम-मंडलों की सूची में यादव समाज के प्रतिनिधियों को शामिल न किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा की नजरों में यादव समाज से कोई भी प्रतिनिधि निगम-मंडल में शामिल होने योग्य नहीं है। भाजपा यादव समाज से जीतकर आए विधायकों को मंत्री बनाने का सब्जबाग दिखाकर समाज के साथ खिलवाड़ कर रही है। जिस पार्टी में यादव समाज का प्रतिनिधि निगम-मंडल में शामिल होने लायक नहीं, वह पार्टी यादव समाज के प्रतिनिधि को मंत्री कैसे बनाएगी, यह एक बड़ा संशय है।”
वर्तमान सरकार ने अपने मंत्रिमंडल और विभिन्न निगम-मंडलों में कई समुदायों को प्रतिनिधित्व दिया है, लेकिन यादव समाज को इससे दूर रखा गया है। यह केवल राजनीतिक असंतुलन ही नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय के सिद्धांतों का भी उल्लंघन है। जब यादव समाज राज्य की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता है, तो उसे सत्ता में भागीदारी से वंचित करना तर्कसंगत नहीं है।
यादव समाज के प्रांताध्यक्ष श्री गुलेन्द्र यादव ने समस्त राजनीतिक दलों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि यादव समाज इसी तरह उपेक्षित रहा, तो भविष्य में इसका असर चुनावी समीकरणों पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। उन्होंने ठेठवार यादव समाज, झेरिया यादव समाज, कोसरिया यादव समाज, मड़हा यादव समाज और छत्तीसगढ़ सर्वयादव समाज सहित समस्त यादव बंधुओं, युवा प्रकोष्ठ, महिला प्रकोष्ठ, समाज के प्रबुद्धजनों, राज अध्यक्षों, पार अध्यक्षों, मंडल अध्यक्षों, तहसील पदाधिकारियों, जिला पदाधिकारियों और समस्त सामाजिक कार्यकर्ताओं से एकजुटता का आह्वान किया है।
अगले चरण का आंदोलन
श्री यादव ने सभी यादव बंधुओं से अनुरोध किया है कि मई माह के अंतिम सप्ताह तक प्रत्येक जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाए। साथ ही, उन्होंने जून माह में प्रदेश स्तर पर मुख्यमंत्री निवास और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के निवास का घेराव करने की योजना पर भी चर्चा की है।
गुलेन्द्र यादव ने दृढ़ता से कहा, “यदि सरकार वास्तव में समावेशी विकास और सामाजिक न्याय में विश्वास रखती है, तो उसे यादव समाज की अनदेखी बंद करनी चाहिए और उन्हें सत्ता में उचित भागीदारी देनी चाहिए। अन्यथा, यह आक्रोश आने वाले समय में राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है। यदि छत्तीसगढ़ में सभी यादव समाज अपने विधानसभा क्षेत्रों में मजबूती और एकता दिखाते हैं, तो छत्तीसगढ़ में यादवों को कोई नहीं रोक पाएगा। जैसा यादव समाज चाहेगा, वैसा ही शासन को फैसला करना पड़ेगा।”