कवर्धाछत्तीसगढ़

पहलगाम आतंकी हमला: खारून गंगा महाआरती में दी गई श्रद्धांजलि, न्याय की मांग से गूंज उठा रायपुर।

पहलगाम आतंकी हमला: खारून गंगा महाआरती में दी गई श्रद्धांजलि, न्याय की मांग से गूंज उठा रायपुर।

स्थान: महादेव घाट, रायपुर (छत्तीसगढ़) । रायपुर का महादेव घाट सोमवार की शाम शोक, श्रद्धा और एकता का प्रतीक बन गया, जब पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों की आत्मा की शांति के लिए खारून गंगा महाआरती का आयोजन किया गया। सैकड़ों नहीं, हजारों लोगों की मौजूदगी ने ये साफ कर दिया कि भारतवासी आतंक के खिलाफ एकजुट हैं, और न्याय की पुकार अब हर कोने से उठ रही है।

हाथों में तख्तियां लिए, आँखों में आँसू और दिल में आक्रोश लिए लोग घाट पर एकत्रित हुए। तख्तियों पर लिखे नारे – “आतंक का जवाब चाहिए”, “मासूमों का खून नहीं जाएगा व्यर्थ”, “भारत झुकेगा नहीं” – माहौल को भावुक बना रहे थे।

विशेष पूजन और सामूहिक मौन के साथ महाआरती की गई। हर दीपक, हर मंत्र और हर आह्वान, उन मासूमों को समर्पित था जो इस नृशंस हमले का शिकार बने। अर्चकों द्वारा विशेष पूजा कर मृत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी गई, और फिर मां खारून गंगा से प्रार्थना की गई कि देश के सैनिकों को शक्ति और साहस मिले, ताकि वे हर आतंकी ताकत का मुकाबला कर सकें।

 

दीपदान करते समय घाट का हर कोना रोशनी से जगमगा उठा – जैसे पूरा शहर यह कहना चाह रहा हो कि “अंधेरा चाहे जितना भी गहरा हो, दीयों की लौ बुझाई नहीं जा सकती।”

भीड़ में मौजूद लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए और खुलकर मांग की कि जो आतंकी इस जघन्य अपराध में शामिल हैं, उन्हें सिर्फ सजा नहीं, बल्कि सबक सिखाया जाना चाहिए, ताकि आगे कोई मासूम जान ना जाए।

 

“मां खारून गंगा महाआरती महादेव घाट जनसेवा समिति” की ओर से सरकार से मांग की गई कि पहलगाम में मारे गए पर्यटकों को न्याय दिलाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।

 

जारी प्रेस विज्ञप्ति में समिति ने कहा –

 

“ये वक्त सिर्फ शोक मनाने का नहीं, इंसानियत को एकजुट कर आतंक के खिलाफ खड़े होने का है। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता — यह सिर्फ एक अमानवीय सोच है, जिसे हर स्तर पर कुचलना होगा।”

 

समिति ने अंत में सभी भक्तों और आम नागरिकों से अपील की कि वे प्रतिदिन खारून गंगा महाआरती में शामिल होकर प्रार्थना करें और एकता का संदेश फैलाएं।

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