कवर्धाछत्तीसगढ़

बैगाओ के पर्यावास अधिकार पर परामर्शदात्री परिचर्चा तथा संबंधित अधिकारी – कर्मचारी का प्रशिक्षण संपन्न।

बैगाओ के पर्यावास अधिकार पर परामर्शदात्री परिचर्चा तथा संबंधित अधिकारी - कर्मचारी का प्रशिक्षण संपन्न।

पंडरिया तहसील के ग्राम पोलमी में बैगाओ द्वारा पर्यावास / हेविटार्ट अधिकार दावा प्रक्रिया हेतु जिला वन अधिकार समिति सदस्य तथा आदिम जाति विभाग के सहायक आयुक्त स्वर्णिम शुक्ला तथा 110 बैगा बसाहटो से आये लगभग 500 बैगाओ के बीच उनके पारंपरिक अधिकारों ,पारंपरिक सीमा निर्धारण इत्यादि विषय पर संवाद हुवा | इस परिचर्चा में छत्तीसगढ़ आदिम जनजाति संचनालय के एफ . आर . ए सेल के राजेश कुमार , बैगा समाज के प्रदेश अध्यक्ष इतवारी मछिया तथा पर्यावास अधिकार प्रक्रिया में सहयोगी भूमिका निभाती स्वयं सेवी संस्था आदिवासी समता मंच के पदाधिकारी गड़ और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया | इस कार्यक्रम के पश्चात पंडरिया के जनपद पंचायत के सभागार में पर्यावास अधिकार दावा प्रक्रिया से संबंधित वन , राजस्व , पंचायती राज तथा आदिवासी विभागो के संबंधित अधिकारी कर्मचारियों को उनके इस प्रक्रिया में भूमिका पर आदिवासी संचनालय से आय राजेश कुमार द्वारा प्रशिक्षण दिया गया | प्रशिक्षण के दौरान राजेश कुमार ने वन और राजस्व विभाग स्थल निरीक्षण करने में सरकारी दस्तावेज जैसे की कम्पार्टमेंट और खसरा नम्बर उपलब्ध कराने में तथा ग्राम सचिवों से ग्राम सभा के निर्णयों पंजीबद्ध इत्यादि उनकी भूमिका के संबंध में बताया | ज्ञातव्य हो की इन कार्यक्रमों के पूर्व पर्यावास अधिकार दिलाने के प्रक्रिया शूरू करने के संबंध में कुई कुकदुर में दो बार स्टेक होल्डर मीटिंग का आयोजन हो चुका है |

राजेश कुमार ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन ने छत्तीसगढ़ में रह रहे सभी बैगाओ तथा अन्य पी. वी. टी. जी समुदायों को पर्यावास का अधिकार देने का निश्चय किया है | उन्होंने बताया कि अब तक कमारो को धमतरी में तथा बैगाओ को गौरेला पेंड्रा मरवाही में पर्यावास अधिकार दिया जा चुका है और पोलमी में आयोजित इस परामर्श दात्री परिचर्चा से पंडरिया में बैगाओ द्वारा पर्यावास अधिकार दावा प्रक्रिया आधिकारिक रूप से प्रारम्भ हो चुका है |

बैगा समाज के परदेश अध्यक्ष इतवारी राम माछिया ने बताया कि पंडरिया के संपूर्ण बैगा समाज के लोग इस प्रक्रिया में पुरजोर रूप से लगे हुवे हे क्योंकि पर्यावास अधिकार मिलने से बैगा अपने परंपराओं मान्यताएं के साथ जीवन निर्वाह बिना किसी अवरोध और अविष्य के असंकाओ से दूर रहकर करते रह पाएंगे | उन्होंने सहयोगी संस्था आदिवासी समता मंच ने बैगाओ के पारंपरिक अधिकारों का दस्तावेजीकरण तथा नजरी नक्शा तैयार करने में मददत करने की सराहना की |

आदिवासी समता मंच की अनिमा बनर्जी ने बताया कि इस प्रक्रिया सहयोगी भूमिका निभाते हुए अब तक का सभी 110 बैगा बसाहटो का दस्तावेजीकरण तथा नजरी नक्शा बनाने का कार्य संस्था के कार्यकर्ताओं द्वारा पूर्ण किया जा चुका है |

उन्होंने आगे बताया कि पर्यावास अधिकार मान्य होने पर बैगा समाज में एक जुटता बढ़ेगी और आसंकाओ से भयमुक्त होकर बैगा समाज के लोग अपने पारंपरिक आजीविका , जयविवित्ता , रितिरिवाज को संरक्षित करते रह पाएंगे |

सहेत्तर सिंह धुर्वे ने बताया कि हेवीटार्ट अधिकार मिलने से बैगा समाज की राष्ट्रीय – अन्तर राष्टीय पटल पर पहचान मिलेगा |

आदिवासी समता मंच की अध्यक्ष इन्दु नेताम ने बताया कि आदिवासी समता मंच बैगाओ के साथ मिल कर पिछले 4 – 5 वर्षो से प्रयासरत रहा है और इसके लिए पूर्व में तत्कालीन राज्यपाल महोदया महामहिम सुश्री अनुसुइया उइके, आदिवासी संचनालय जिला प्रशासन को आवेदन दिया गया था और उनसे बात की बेहद खुशी है कि इस दिशा में आदिवासी संचनालय और जिला वन अधिकारी समेती में बैगाओ को पर्यावास अधिकार देने हेतु कारगर कदम उठा रहा है और दावा – प्रक्रिया को आधिकारिक रूप से प्रारंभ कर दिया है |

इस कार्यक्रम में कबीरधाम जिला के बैगा समाज के उपाध्यक्ष सेमलाल बैगा, बिरहुल्डीह के सरपंच लालजू बैगा, सरपंच गोतर बैगा, केवल सिंह बैगा, लामू बैगा, हीरालाल बैगा, लमनू सिंह बैगा, दशमी बाई बैगा, रामली बाई बैगा, सोनबाई बैगा, फागियाबाई बैगा, बजरू बैगा, संतूराम बैगा, सुखराम बैगा, अत्तू सिंह बैगा, सुक्कर सिंह बैगा, प्यारे लाल चिखलिया, चमेली बाई बैगा, नंसू बैगा, और आदिवासी समता मंच के शोधकर्ता डॉ. राजेश रंजन, मनोज रठुड़ीया, जोन्हू देवड़ीया, धनी राम धुर्वे, ने भाग लिया।

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