कवर्धाछत्तीसगढ़

कवर्धा।। हॉलमार्किंग के बिना सराफा कारोबारियों का बल्ले बल्ले 

हॉलमार्किंग के बिना सराफा कारोबारियों का बल्ले बल्ले 

 

कवर्धा।।  सोने या चांदी का गहना खरीदने सराफा व्यवसाई के पास उपभोक्ता जाते है लेकिन उपभोक्ता को सोना चांदी का कोई परख नही होता और उपभोक्ता गहना खरीदी के बाद पक्की रसीद भी नहीं लेते ,सराफा व्यवसाई उसे कच्ची रसीद थमा देते है उसका कारण यही है पक्की रसीद में जी एस टी कटेगा , सूत्रों के मुताबिक कच्ची रसीद से अवैध/चोरी का सोना चांदी जो आधी में गला कर बनाया जाता है जो स्थानीय स्तर पर हो रहा है ,उसे ग्राहक को थमा दिया जाता है अब सवाल उठता है सोने की शुद्धता का जांच कैसे करे तो कैरेट के हिसाब से सोने की शुद्धता होती है ,14 कैरेट में 58%, 18 मे 75%,20 में 83%,22 में 91%, 23 में 96%,24 में 99.90%, प्रतिशत रहती है।चांदी के गहनों में सबसे ज्यादा तांबा अल्युमिनियम मिलाया जाता है।जो सराफा कारोबारियों का सबसे ज्यादा कमाई है। सोने के शुद्धता का परख ग्राहक कर ही नही सकता इसलिए बयापारी 24 के स्थान पर 14 कैरेट का सोना थमा सकता है।उसमे तरह तरह के डिजाइन दिखा कर ग्राहक को सम्मोहित कर लिया जाता है और जब उसी गहने को लेकर उसी कारोबारी के जाओ तो ओ आधी कीमत में लेगा और ग्राहक को कहेगाइसमें इतने का बट्टा कट गया। ग्राहक इन सराफा कारोबारियों से हमेशा ठगा जाता है। स्थानीय स्तर पर सोने चांदी का खरीदी बिक्री 40 लाख से ऊपर है,इनके ऊपर भारतीय मानक ब्यूरो से नियम लागू है मगर ये लोग 40 लाख से कम बता कर नाजायज फायदा उठाते है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि स्थानीय स्तर पर हॉलमार्क सेंटर ही नही है जिससे उपभोक्ता आर्टिकल देकर सोने चांदी का जांच करा सके,खरीदी गई सोना चांदी खराब अमुल्यक होने पर शिकायत किसके पास करना है यह 80% उपभोक्ता नही जानते।

हॉलमार्क का लाइसेंस लेने वाले सराफा कारोबारियों के शोरूम ,दुकान पर प्रमाण पत्र प्रदर्शित होना चाहिए। जो मानक ब्यूरो के अधीन है।

Related Articles

Back to top button