कवर्धा -: पंडरिया क्षेत्र में दो जीवन दायिनी नंदी हाफ नदी व आगर नदी ये बड़े महत्वपूर्ण जीवन दायिनी नदी पंडरिया तहसील के दोनों पुर्व और पश्चिम दिशा के सैकड़ों गांवों से गुजरी है और यह नदी में पानी के बाढ़ भी अच्छी खासी आती है हाफ नदी तो कबीरधाम जिला के सबसे बड़ी नदी है जो लगभग 30 किलोमीटर क्षेत्र को कव्हर करती है इसके साथ ये दोनों बड़ी नदी क़ृषि भुमि का कायाकल्प कर सकती हैं बस इमानदारी और इच्छा शक्ति की आवश्यकता है बिते समय इस क्षेत्र के किसानों की समस्या और अनेक गांव में गिरते वाटर लेबल के कारण रेडजोन क्षेत्र में आने से पानी की किल्लत पंडरिया के वनांचल के अलावा मैदानी क्षेत्र में देखें गयें जो हर गर्मी में होने लगा है विशेष कर मई जुन जुलाई में पीने का समस्या होने लगती है इस वर्ष भी संभावना है क्योंकि हेन्डपंप सुखने लगें हैं टिववेल से पानी की धार कम हो गई है।
इसे देखते हुए तत्कालीन विधायक मोतीराम चन्द्रवंशी तत्कालीन सांसद अभिषेक सिंह से मिलकर आगर और हाफ नदी को क्षेत्र के बांध से जोड़ते हुए नहरनाली का विस्तार कराने आवेदन निवेदन किया था जिसको महत्वपूर्ण कार्य समझकर तत्कालीन विधायक मोतीराम चन्द्रवंशी तत्कालीन सांसद अभिषेक सिंह ने दोनों नदी को बांध से जोड़ते हुए नहरनाली विस्तार कराने सिंचाई विभाग को सर्वे कराने और प्रस्ताव प्रस्तुत कराया और उसमें स्वीकृति दिलाने पहल भी किया था और इसी बीच आगर नदी हाफ नदी में अनेक एनीकट जिसमें दुल्लापुर लिलापुर कापादाह घोघरा डायवर्सन कुबा डायवर्सन रेगाबोड कुबा डायवर्सन जैसे अनेक स्वीकृति प्रदान तो कराया ही पर नदी को बांध से जोड़ने के लिए भी पहल कराया परिणाम सरकार हरकत में आई और करोड़ों रुपया स्वीकृति प्रदान किया गया नतीजा सिंचाई विभाग के सोची समझी भृष्ट्राचार के सभी मेहनत भेंट चढ़ा दी गई है।
आज कोई भी नहर नाली से बुंद भर पानी नहीं मिलता है किसी भी किसान के खेत में चुकीं सिंचाई विभाग के अधिकारी सोची समझी भृष्ट्राचार के रणनिती के तहत नहरनाली का आधी अधुरी निर्माण जानबूझ कर करते हैं जिससे निर्माण पुरा नही हो और पानी जा न सके ताकि उस कार्य के निर्माण विस्तार के नाम से करोड़ों रुपए सरकार बार बार स्वीकृति प्रदान करते रहे भृष्ट्राचार के भेट चढ़ते रहे और वैसे ही हो रहा है जीतने भी एनीकट बना कर नहरनाली बनाई गई है ओ सब आधा अधुरी पड़ी है सभी नाली को जानबूझकर गलत बनाई गई है ये सब सिंचाई विभाग के भृष्ट्राचार करने वाले अफसरों का सोची समझी रणनीति प्रतित होता है इसी का एक परिणाम घोघरा डायवर्सन के कुबा ब्यआपवर्तन नहर नाली दसरंगपुर पलानससरी अंधियारा खोर तक नहर नाली निर्माण कर किसानों के खेत तक पानी पहुंचाना था पर आज लगभग 7 साल में यह नहरनाली निर्माण नहीं हो सका है और कुछ निर्माण हुआ भी है वह देखरेख के अभाव में जिर्ण सिर्ण कर सरकार के करोड़ों रुपया खर्च के नाम बंदरबाट कर दिया गया है इधर नहर नाली के लिए अधिग्रहित जमीन का किसानों को मुआवजा तक 7 साल में विभाग भुगतान नहीं करा पाई है किसान भी चक्कर लगाते लगाते चप्पल घीस डालें अधिकारी और नेताओं के दरवाजे का इससे ब्यथीत पीड़ित पलानसरी के कुछ किसान मे से सुखचैन चन्द्रवंशी अपनी दर्द का ब्यान करते हुए बताते हैं 7 साल में ओ कौन सा नेता हैं जिसके दरवाजा वो नही गया है जिन्हें आग्रह नहीं किया है अधिग्रहित जमीन का मुआवजा और नहर नाली का निर्माण पुर्ण कराने पर किसी भी नेता अधिकारी इसे पुरा कराने पहल नहीं किए अधिकारी एक ही जवाब देते हैं सिघ्र पुरा हो जायेगा जल्दी से मुआवजा दिया जाएगा और काम प्रारंभ किया जाएगा पर जल्दी और सिघ्र शब्द का परिभाषा गुगल से सर्च करते हैं ये किसान तो भी इन्हें गुगल भी नहीं बताता सिघ्र और जल्द का अर्थ और परिणाम 7 साल से ये किसान ढुंढ रहे हैं पर आज तक नहीं मिला जालिम सिघ्र और जल्द नामक चीज़ तो बल्लूराम डांट काम से भी गुहार लगाई पीड़ित किसान तो मौके पर नहर नाली ब्यायन करते बता रही हैं बनी थी ओ भी टुट गई आगे क्या होगा कहा नहीं जा सकता पर पंडरिया सिंचाई विभाग अनुविभागीय अधिकारी कहते हैं सिघ्र और जल्द मुआवजा दिया जाएगा और कार्य प्रारंभ होगी !अब नया सरकार बनी है तो सिघ्र और जल्द का परिभाषा इन किसानों को पता कब चल पायेगा यह कह पाना मुश्किल ही दिखाई पड़ता है!बहर हाल पंडरिया के दोनों नदी में बनाई गई नहर नाली एनीकट महज सिंचाई विभाग और ठेकेदार के रणनिती के शिकार बन चुका है इसलिए कृषि भूमि और आम रहवासी पानी के लिए अब गर्मी आते हैं तरसने लगेंगे जीसका निदान आने वाले वक्त तय करेगा !