वन विभाग मजदूरों को नहीं दे रहा मजदूरी के रुपए
कवर्धा। इन दिनों कबीरधाम जिले के वन विभाग का नया कारनामा देखने को मिल रहा है। काम करवाने के बाद भी मजदूरों को भुगतान नहीं किया जा रहा है। वन विभाग ने काम कराने के बाद मजदूरों को बजट नहीं होने का हवाला देकर 8 महीने से भुगतान नहीं किया है। दरअसल वन विभाग द्वारा पौध रोपण के लिए नर्सरी तैयार करने वाले मजदूरों को बीते कई माह से उनकी मजदूरी नहीं दी गई है। ऐसे में मजदूर वन विभाग के अधिकारियों व नर्सरी का चक्कर काट रहे हैं लेकिन मजदूरी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में उनके परिवार का खर्च नहीं चल पा रहा है। जबकि मजदूरों को बार-बार मजदूरी के लिए कभी कार्यालय तो कभी कोई निश्चित जगह पर बुलाया जाता है,और बुलाने के बाद अधिकारी कर्मचारी नंबर बंद कर गायब हो जाते है।वहीं हाथीबोड के मजदूर कमलेश साहू,योगेश धुर्वे, दीपचंद साहू,हरीश यादव, तीजराम धुर्वे, रवि यादव, भुनेश्वर धुर्वे सहित मजदूरों ने बताया कि 8 महीना से मजदूरी करवाने के बाद भी मजदूरी भुगतान नहीं किया गया है।हाथीडोब के मजदूरों ने बताया कि पौधारोपण के लिए गड्ढे की खोदाई और पौधरोपण सहित नवीन पौधारोपण कार्य कराया गया पर आठ माह बाद भी मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं दी गई। मजदूर के द्वारा लगातार अधिकारियों से मजदूरी भुगतान की मांग करते आ रहे हैं पर अधिकारी के द्वारा आज और कल भुगतान करने का हवाला देकर मजदूरों का भुगतान रोके बैठे हैं।
दीपावली है लेकिन जब में एक पैसा भी नहीं
हाथीबोड के मजदूरों ने बताया की दीपावली का त्यौहार आ गया है लेकिन अब तक मजदूरी नहीं मिला है। दीपावली के त्यौहार में बच्चों और परिवार वालों के लिए पटाखे और नए कपड़े तो दूर की बात है घर में खाने का एक दाना भी नहीं है।
मजदूरी के पैसों के लिए बार-बार लगवाते हैं चक्कर
मजदूरों ने आगे बताया कि 8 महीने काम करने के बाद मजदूरी के पैसों के लिए बार-बार कवर्धा आना पड़ता है, लेकिन फिर भी भुगतान नहीं हो पता। कई बार तो सुबह 6:00 बजे से लेकर रात को 10:00 बजे तक भी बैठे रहते हैं लेकिन फिर भी भुगतान नहीं हो पता।
कर्जदार कर रहे हैं बार-बार परेशान
मजदूरों ने बताया कि अनाज और राशन के लिए पैसे नहीं थे तो दूसरे से कर्ज लेना पड़ा है। एक निश्चित समय के बाद हमारे द्वारा कर्ज के पैसे नहीं चुकाने पर कर्जदार भी पैसे के लिए बार-बार परेशान कर रहा है।
बहरहाल अब देखना यह होगा कि मजदूरों को भुगतान होता है कि नहीं, की मजदूर खाली पेट अपनी तकलीफों के साथ ही दिवाली मनाएंगे।
वर्जन – इस संबंध में रेंजर लक्ष्मी नारायण सोनी से संपर्क करने की कोशिश किया गया लेकिन उनका नंबर बंद है।
इस संबंध में डीएफओ से जानकारी लेने के लिए जब फोन किया गया तो उनके द्वारा कोई जवाब नहीं देते हुए फोन कट कर दिया गया