*कांग्रेस बीजेपी ओबीसी साहू समाज को ठगने की काम करती है : बसपा*
बहुजन समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष जयप्रकाश बंजारे ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है ! बहुजन समाज पार्टी के आंदोलन के कारण देश की सबसे बड़ी आबादी पिछड़ी जाति को सम्मान मिला *जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी* के आधार पर इस देश के अंदर में बसपा निर्माता मान्यवर कांशीराम साहब ने *मंडल आयोग लागू करो वर्ना कुर्सी खाली करो* करके दिल्ली के वोट क्लब में 45 दिन तक धरना आंदोलन किया था फिर वीपी सिंह सरकार द्वारा मंडल आयोग लागू करने मजबूर हुए थे जो बीएसपी के सहयोग से बनी हुई थी *मंडल आयोग के विरोध में भाजपा आडवाणी ने कमंडल यात्रा निकाली थी* ओबीसी को अधिकार वंचित करने के लिए। जिसमें कांग्रेस का भी समर्थन रहा । ओबीसी हित में कांग्रेस ने कुछ किया भी तो मजबूर होकर किया।
*पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण दिलाने की झूठी आश्वासन देने वाली भूपेश सरकार हाई कोर्ट में वकीलों के समूह को पिटीशन दायर कराके उनको भी वंचित करने का काम किया*। बीएसपी के संघर्षों के कारण ओबीसी सीएम बना। जो हमारे बहुसंख्यक ओबीसी समाज को पिछाडे रखने कार्य किया। कांग्रेस नागनाथ है बीजेपी सांपनाथ है आज कबीरधाम *जिले में दोनों पार्टियों ने साहू समाज को जिलाध्यक्ष बनाकर ठगने का काम कर सकते हैं*!!? विधायक टिकट से वंचित कर सकते हैं,?? शायद इसीलिए जागरूक साहू समाज को जिलाध्यक्ष बनाकर मैनेज करने का काम कर रही है जबकि बहुजन समाज पार्टी हमेशा बहुसंख्यक आबादी को जिंदगी के हर क्षेत्र में आगे बढ़ाना चाहती हैं *बसपा निर्माण 1984 से पहले ओबीसी का एक भी सांसद विधायक नहीं हुआ करता था*। बसपा के कारण जो आज नज़र आती है
76 साल के आजादी में इन पार्टियों ने धन धरती शिक्षा संपत्ति में खासकर शिक्षा प्रशासनिक पदों के क्षेत्र में पिछाड़े रखने का कार्य किया गया। पिछड़े समाज को आडंबर के नाम पर उलझाकर अधिकार वंचित रखने का काम कांग्रेस बीजेपी ने किया। यह तो बहुजन मोमेंट है जो जगाने का काम करती है भारतीय संविधान में बाबासाहेब अंबेडकर धारा 340 में सर्वाधिकार व्यवस्था दिया है जिसे आज तक इन सरकारो ने लागू करने का काम नहीं किया। आपकी खोई हुई मान सम्मान दिलाने के लिए बहुजन समाज पार्टी संघर्षरत है तथा कबीरधाम जिला से आनंद साहू जी को 2014 में सांसद के टिकट देकर के आपकी संख्या को आपकी ताकत को बताने का काम किया।
यह झूठी दोगली सरकारों ने जाति आधारित जनगणना कराने से इसीलिए कतरा रही है कि कहीं ओबीसी को उनके पावर की पता ना चल जाए??? बहुजन साथियों विचार करें ..