कवर्धाछत्तीसगढ़

मेडिकल फर्जीवाड़ा में लिप्त लिपिक दीपक ठाकुर को बचाने सीएमएचओ डॉ मुखर्जी ने भेजा फर्जी रिपोर्ट। आम आदमी पार्टी ने राज्यपाल के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन।

कवर्धा :- जिला स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ डॉ मुखर्जी नियम कानून को दरकिनार कर तुगलकी और फर्जी कृत्य को अंजाम देने से जरा भी संकोच नहीं करते और ना ही उन्हें किसी प्रकार से भय है। जी हां उनके द्वारा सुनियोजित तरीके से किए एक सनसनीखेज फर्जीवाड़ा का उजागर हुआ है। जिसकी आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयुक्त सचिव पवन चंद्रवंशी के नेतृत्व में राज्यपाल के नाम कलेक्टर को आज ज्ञापन सौंपा है।

इनके द्वारा मेडिकल फर्जीवाड़ा मामले में दीपक ठाकुर के खिलाफ संगठित विभागीय जांच समिति की फर्जी रिपोर्ट प्राप्त हो जाने व उक्त रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही करने की जानकारी भेजने रायपुर कार्यालय को भेजे जाने का करतूत का खुलासा हुआ है। जिसकी आम आदमी पार्टी द्वारा कार्रवाई की मांग की गई है।

आम आदमी पार्टी ने अपने शिकायती पत्र में उल्लेख किया है, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, रायपुर ने मेडिकल फर्जीवाड़ा मामले की प्राथमिकी जांच के मुख्य गुनहगार मेडिकल बोर्ड के लिपिक दीपक ठाकुर के खिलाफ विभागीय जांच कर कठोर कार्यवाही करने 26/04/23 को पत्र लिखा था, हैरतअंगेज बात यह कि सीएमएचओ डॉ मुखर्जी ने दीपक ठाकुर को निलंबित कर मुख्यालय बदले बिना 04/05/23 को तीन सदस्यीय विभागीय जांच समिति गठित कर दिया तथा जांच समिति की रिपोर्ट प्राप्त हो जाने और उस पर कार्यवाही करने की 15/05/23 की तारीख में जानकारी भेजी गई है। तत्संबंध में सीएमएचओ डॉ मुखर्जी के सुनियोजित फर्जीवाड़े से बेखबर जांच समिति के प्रस्तुतकर्ता अधिकारी अश्ववनी शर्मा ने दीपक ठाकुर को बयान के लिए 31/07/23 को समिति के समक्ष उपस्थित होने नोटिस जारी किया है।

आम आदमी पार्टी ने उल्लेख करते हुए बताया कि मामले की मुख्य वजह मेडिकल फर्जीवाड़ा मामला है, जिसमें दो नव आरक्षको की नौकरी खत्म हो गई है किंतु इस फर्जीवाडा का मुख्य सूत्रधार गुनहगार दीपक ठाकुर को बचाने के लिए सीएमएचओ डॉ मुखर्जी के भेजी गई फर्जी जानकारी की समूचे स्वास्थ्य विभाग से लेकर आम तबकों के बीच खूब निंदा हो रही है। जिससे स्वास्थ्य विभाग की छबि कलंकित हो रही है। अब सवाल जो हलक में बकरे की हड्डी की तरह फंसी हुई कि मेडिकल फर्जीवाड़ा के सुलगते मामले का क्या कभी निष्पक्ष जांच हो पाएगी? दो आरक्षकों की बर्खास्तगी के बाद आखिर मास्टरमाइंड लिपिक दीपक ठाकुर को किसका संरक्षण है? आखिर कब तक उसे बचाया जाता रहेगा? पूरे मामले में आखिर शासन प्रशासन मौन और मूकदर्शक की भूमिका में क्यों है? क्या दीपक ठाकुर से व्यवस्था डर गई है? बहरहाल आम आदमी पार्टी ने पत्र की प्रतिलिपि में मुख्यमंत्री, स्वस्थ्य मंत्री सहित सूबे के अन्य मंत्रियों तथा आला अधिकारियों को भी उल्लेखित किया है।

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