प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए GSS प्रमुख लखन सुबोध,GSS के विधिक सलाहकार एड. प्रियंका शुक्ला एवं सोशल एक्टविस्ट एड. कात्यायनी ने संबोधित किया
*अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर कार्यक्रम करते हुए दिखावा करने वाले, सरकारी मशीनरी बच्चियों को सुरक्षा दे पाने में असफल है* :——– लखन सुबोध, [केंद्रीय संयोजक GSS]
*चकरभाठा से बच्चों को रेस्क्यू हो जाने के 10 दिन से ऊपर बीत जाने के बाद भी आज तक POCSO के तहत मामला क्यों नही दर्ज किया गया*
*शासन प्रशासन कानूनी पुलिसिंग के जगह मोरल पोलिसिंग करने में व्यस्त,कानून की किताब खत्म है यदि, तो हम तोहफा देकर आएंगे, ताकि कानून पढ़ सके*- एड. प्रियंका शुक्ला [GSS विधिक सलाहकार]
दिनांक 30/09/2022 को बिलासपुर के चकरभाठा क्षेत्र के एक गाँव में एक परिवार में तीन छोटी बच्चियों के साथ, स्वयं उनके पिता द्वारा यौन शोषण का मामला सामने आया है, जिसमे बाल कल्याण समिति,बिलासपुर द्वारा उन बच्चियों को रेसक्यू किया गया, जानकारी के मुताबिक रेस्क्यू करने में टीम को काफी दिक्कत भी आई, रेस्क्यू होने के बाद बच्चियों ने CWC (बाल कल्याण समिति) को बयान भी दिया और उसके हिसाब से बच्चों ने बयान में समस्त बाते बताई, इसके बाद भी बिलासपुर की चकरभाठा थाना की पुलिस ने आज तक कोई FIR नही की, इस घटना को सामने आए लगभग 10 दिन से ऊपर होने को है, किंतु आज तक FIR दर्ज किया जा सका है, जबकि नियम के हिसाब से यदि मामला सामने आया है, तो सबसे पहले FIR दर्ज की जानी थी, और उसके साथ साथ अविलंब मेडिकल जाँच भी होनी थी, लेकिन बड़ी दुखद और पीड़ादायक बात है कि आज तक मामले को दबाने के अलावा फिलहाल न्याय की दिशा में कोई कार्य नही किया गया है।
जानकारी के मुताबिक इस पूरे मामले को सामने लाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रियंका सिंह को डराया जा रहा है, जबकि इन्हें सराहना मिलनी चाहिए थी, पुलिस को सुनिश्चित करना था कि डरने की ज़रूरत नही है लेकिन इसमे पुलिस प्रशासन की भुमिका सही नही है, अब जब पूरा मामला सामने आया है, तो खानापूर्ति कर मामले को रफा दफा करने का प्रयास चल रहा है।
सक्षम अधिकारियों को (CWC, पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग) उक्त मामले में संज्ञान में लेकर, अविलंब FIR दर्ज करवाने, आरोपी पिता को हिरासत में लिया जाने व गाँव मे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को धमकी देने वालो पर कार्यवाही करवाने व उंन्हे भी हिरासत में लेने का और बच्चियों के बेहतर भविष्य हेतु उसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार अच्छे से वहन करने की दिशा में कार्य करना था, लेकिन अभी तक इस गम्भीर व संवेदनशील मामले को गंभीरतापूर्वक नही लिया जा रहा है।
दिनांक 11/10/2022 को संगठन की विधिक सलाहकार प्रियंका शुक्ला के साथ जीएसएस की एक टीम चकरभाठा के उस गाँव के गयी और वहां जाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित आस पास के लोगो से भी मामले की सत्यता का पता लगाने का प्रयास किया, तो मामले में बच्ची ने बयान दिया है, यह पाया गया, इसके बावजूद मीडिया के लोगो को TI चकरभाठा व पोलिस के अधिकारी द्वारा बोला गया है कि बच्ची ने कोई बयान नही दिया है।
इस संबंध में टीम की प्रियंका द्वारा CWC के एक सदस्य से भी बात की गई थी, उनके द्वारा भी हमे बताया गया कि बच्चियों ने बयान दिया है, इसके बाद भी पुलिस के अधिकारी झूठ बोल रहे है, इसके अलावा आज तक गाँव के कुछ लोग तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को डराने धमकी देने गए थे, उन भी आज तक कोई कार्यवाही नही की गई।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को आज तक कोई सुरक्षा नही दी गयी है, हम सबको याद होगा कि ऐसा कुछ भवरी देवी के साथ कई साल पहले राजस्थान में घटा था, जिसके बाद विशाखा गाइडलाइन बनाई गई थी, क्या शासन आज उसी घटना का इंतजार कर रहा है???
प्रियंका जैसे कार्यकर्ता को तो सराहना चाहिए था।
जीएसएस के तरफ से हम आपके माध्यम से सरकार यह कहना चाहते है कि आगामी 2 दिन के भीतर समस्त कानूनी कार्यवाही की जावे साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सुरक्षा मुहैया करवाई जावे, अन्यथा हम सड़क पर उतने को मजबूर होंगे।