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कबीरधाम जिला पहले दिन 307 लीटर गौ-मूत्र खरीदी कर प्रदेश में रहा अव्वल

हरेली पर्व पर गौ-मूत्र खरीदी शुरू, पहले दिन पूरे प्रदेश में हुई 2306 लीटर गौ-मूत्र की खरीदी, 4 रूपए प्रति लीटर दर पर हो रही गौमूत्र की खरीदी

 

कवर्धा, 29 जुलाई 2022। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा हेरली पर्व पर छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और गौ-पालकों को आर्थिक रूप से सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए प्रारंभ की गई गोधन न्याय योजना के तहत गौ-मूत्र खरीदी योजना के पहले दिन कबीरधाम जिले के गौ-पालकों को उत्साह देखने को मिला। इस योजना के तहत जिले के बिरकोना और बिरेन्द्र नगर दो गौठानों में गौ-मूत्र खरीदी की जा रही है। योजना प्रारंभ के पहले दिन जिले के इन दोनोंं गौठानों में 307 लीटर गौ-मूत्र खरीदी कर प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है।

 

कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने बताया कि जिले के ग्राम बिरकोना और ग्राम बिरेन्द्रनगर के मॉडल गौठान में जिला स्तरीय हरेली पर्व का आयोजन किया गया था। हरेली पर्व पर राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले के दो गौठानो में गौ-मूत्र खरीदी प्रांरभ की गई है। गोधन न्याय योजना के तहत पहले गोबर खरीदी होती थी अब गौ-मूत्र खरीदी की जा रही है। गोधन न्याय योजना राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना का लाभ संबंधित गौठान के गौ-पालकों को मिले इसके लिए सभी गौ-पालकों को और जागरूक किया जाएगा। कृषि उपसंचालक श्री एमडी डड़सेना ने बताया कि संबंधित दोनों गौठानों में गौ-मूत्र खरीदी केन्द्र बनाया गया है। संबंधित किसान केन्द्र में पहुंचकर गौमूत्र विक्रय कर सकते है और अपना नाम भी दर्ज करा सकते है।

उल्लेखनीय है कि राज्य में 4 रुपए लीटर की दर से गौ-मूत्र खरीदी की शुरुआत फिलहाल 63 गांवों के गौठानों में हुई है। निकट भविष्य में राज्य के सभी गौठानों में इसकी खरीदी होने लगेगी। इसके लिए आवश्यक तैयारियों के साथ-साथ गौठान समितियों के सदस्यों और महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को गौ-मूत्र की खरीदी से लेकर उससे जैविक कीटनाशक ,जीवामृत-ग्रोथ प्रमोटर बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर राज्य में गोबर के बाद अब गौ-मूत्र खरीदी का उद्देश्य जैविक खेती को बढ़ावा देकर खाद्यान्न की विषाक्तता में कमी लाना तथा खेती की लागत को कम करना है। राज्य में गौ-मूत्र खरीदी योजना के पहले हितग्राही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल स्वयं बने। उन्होंने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित हरेली तिहार के अवसर पर 5 लीटर गौ-मूत्र, चंदखुरी की निधि स्व-सहायता समूह को 20 रुपये में बेचकर राज्य के पहले विक्रेता भी बने।

छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो पशुपालक ग्रामीणों से दो रूपए किलो में गोबर खरीदी के बाद अब 4 रूपए लीटर में गौ-मूत्र की खरीदी कर रहा है। इस पहल से राज्य में पशुपालकों की आय में बढ़ोत्तरी और जैविक खेती को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। गोबर की खरीदी और इससे जैविक खाद के निर्माण से राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। गौ-मूत्र खरीदी का मकसद इससे गौठानों में जैविक कीटनाशक, जीवामृत, ग्रोथ प्रमोटर का निर्माण करना है, ताकि राज्य के किसानों को कम कीमत पर जैविक कीटनाशक सहजता से उपलब्ध कराया जा सके।

छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना की शुरुआत 2 साल पहले 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के दिन से ही हुई थी। इसके तहत गौठनों में पशुपालक ग्रामीणों से गोबर कर बड़े पैमाने पर जैविक खाद का निर्माण और उसका खेती में उपयोग किया जा रहा है। गौ-मूत्र से जैविक कीटनाशक तैयार कर किसानों को 50 रुपये लीटर में उपलब्ध कराया जाएगा।

राज्य के बस्तर जिले के सर्वाधिक 7 गौठानों में गौ-मूत्र की खरीदी की जा रही है, जबकि राजनादगांव और रायपुर जिले के 3-3 गौठनों में गौ-मूत्र खरीदा जा रहा है, शेष जिलों के 2-2 गौठानों में गौ-मूत्र की खरीदी शुरु की गई है। पहले दिन 28 जुलाई को कोरिया जिले में 110 लीटर, बलरामपुर जिले में 45 लीटर, सूरजपुर में 37 लीटर, सरगुजा में 163 लीटर, जशपुर में 24 लीटर, रायगढ़ में 49 लीटर, कोरबा में 82 लीटर, जांजगीर-चांपा में 36 लीटर, बिलासपुर में 39 लीटर, मुंगेली में 52 लीटर , गौरेला -पेंड्रा- मरवाही जिले में 15 लीटर गोमूत्र की खरीदी हुई।

इसी तरह 28 जुलाई को कबीरधाम जिले में सर्वाधिक 307 लीटर, राजनादगांव में 47 बेमेतरा में 85, दुर्ग में 52 ,बालोद जिले में 207, बलौदा- बाजार में 55, रायपुर में 64, गरियाबंद में महासमुंद में 184, धमतरी में 12, कांकेर जिले में 125, कोंडागांव में 15, बस्तर में 59, नारायणपुर में 11 दंतेवाड़ा में 112 , सुकमा जिले में 105 और बीजापुर जिले में 35 लीटर गोमूत्र की खरीदी हुई।

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