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*कबीरधाम जिला के विभिन्न उपस्वास्थ्य केंद्रों में प्रथम पोस्टींग से रिटायर के करीब तक एक ही स्थान में पदस्थ हैं स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं सेक्टर सुपरवाइजर परिणाम स्वास्थ्य सुविधा लचर*
*अनेक स्वास्थ्य कार्यकर्ता एक ही स्थान में 10 से 30 साल तक कुंडली मार कर जमें है*
*लंबे समय तक एक ही स्थान में रहने से स्वास्थ्य से संबंधित कार्य प्रभावित है*
कबीरधाम -: कबीरधाम जिला में 4 विकास खण्ड है पंडरिया, बोडला,कवर्धा,सहसपुर लोहारा इन चारों विकास खण्ड में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उप स्वास्थ्य केंद्र बनाई गई है इन उप स्वास्थ्य केन्द्र के उपर सेक्टर भी है जहा सुपरवाइजर महिला पुरुष दोनों की पदस्थापना रहता है और पदस्थ भी है पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्र काफी फिसड्डी है आप किसी भी गांव में जाकर किसी भी लक्ष्य दम्पति को स्वास्थ्य विभाग द्वारा पदस्थ कर्मचारी का कार्य पुंछ लें तो बतायेंगे टिकाकरण मात्र पुरा स्वास्थ्य विभाग महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के दम पर सिर्फ टिकाकरण कार्य मात्र से सिमट कर रह गया है जबकि पुरुष कार्यकर्ता भी क्षेत्र में पदस्थ हैं पर पुरुष कार्यकर्ता मात्र कागजों तक ही अपने कार्य को सत प्रतिशत पुरा कर लेता है भौतिक स्थिति पर देखा जाए तो कार्य शून्य है अधिकांश पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता क्षेत्र में राजनीति से जुड़े हुए हैं और उसी में अपना दिनचर्या खपा रहे हैं आपको बता दें पंडरिया बोडला कवर्धा लोहारा विकासखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उप स्वास्थ्य केंद्र सेक्टर में कर्मचारी वैसे भी मिलेंगे आपको जिनकी प्रथम पोस्टिंग इस स्थान में हुई है और आज रिटायरमेंट के करीब में आ चुके हैं पर भी उसी स्थान में पदस्थ हैं ! इनका कभी भी दूसरे स्थान पर स्थानांतरण नहीं हुआ है परिणाम क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग का कार्य कागजों पर ही सिमट के रह गया है ! पंडरिया विकास खण्ड के महली सेक्टर के सुपरवाइजर को आज तक फील्ड के आम नागरिक पहचानते तक नहीं है पर वह लंबे समय से लगभग 25 वर्ष से महली में पदस्थ हैं इसी तरह सेकशन धोबघटटी के कार्यकर्ता हो या अन्य सेक्शन के कार्यकर्ता हो फील्ड में यह कभी नजर आते भी है तो सिर्फ कागजों तक अपना कार्य बखूबी करते हैं पर भौतिक स्थिति में उनके कार्य का सत्यापन किया जाए तो सच सामने आ जाएगा इसी तरह जिला के अन्य क्षेत्र में भी पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता या सेक्टर सुपरवाइजर का काम भारी मात्रा में कागजों तक ही सिमट कर रह गया है परिणाम लगातार कबीरधाम जिला डायरिया का चपेट में आ चुका है और अनेक मौतें भी हो चुकी है सरकार चाहे कांग्रेस का हो या भाजपा के इन स्वास्थ्य कर्मचारी जहां वर्षों से जमे हैं वहीं पर जमे हुए हैं परिणाम स्वास्थ्य विभाग का अनेक योजना जैसे मलेरिया टाइफाइड मोतियाबिंद परिवार नियोजन टीकाकरण स्वास्थ्य परीक्षण टीवी कुष्ट फाइलेरिया जैसे अनेक योजना सरकार द्वारा चलाई जा रही है और इन योजनाओं को धरातल में आम नागरिक तक पहुंचानी है पर स्वास्थ्य कर्मचारी सिर्फ महिला कर्मचारी के भरोसे टीकाकरण और संस्थागत प्रसव तक ही सिमट कर रह गई है और आपको बता दें अब तो संस्थागत प्रसव भी फर्जी मात्रा में हो रहा है घर में प्रसव होता है उसे पैसा के कारण मितानिन की मदद लेते हुए उप स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव बता दिया जाता है और जो सहायता राशि जच्चा बच्चा एवं मितानिन को दी जाती है वह भरपूर मात्रा में आहरण कर ली जाती है और संस्थागत प्रसव भी बता दिया जाता है जबकि प्रसव घरों में हो रहा है उपस्वास्थ्य केंद्र के टार्गेट इस तरह पुरा की जा रही है ! जबकी उपस्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ कर्मचारी नदारत रहते हैं जब तक इन वर्षों से एक ही स्थान में टिके हुए कर्मचारियों को वर्तमान भाजपा सरकार विशेष कर गृह मंत्री के जिला कबीरधाम और स्वास्थ्य विभाग पर सक्रिय रहने वाली भावना बोहरा के विधानसभा से 10 साल से 30 साल तक एक ही स्थान पर पदस्थ कर्मचारी है उन्हें इधर से उधर स्थानांतरण नहीं करेंगे तब तक स्वास्थ्य विभाग का कार्य धरातल पर दिखाई नहीं पड़ेगा, अन्यथा इसी तरह बेमौत डायरिया के चपेट में आकर मारे जाएंगे और जचकी एवं इलाज के नाम पर हजारों हजार रुपए स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही के कारण आम नागरिकों का नुकसान होते रहेगा इसलिए आवश्यकता है स्वास्थ्य विभाग में सर्जरी करने का ग्रह मंत्री विजय शर्मा एवं भावना बोहरा को त्वरित इस पर कार्यवाही करते हुए सालों से जमे स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं सेक्टर सुपरवाइजर को एक दूसरे केन्द्रो में पदस्थ करायें ताकी कार्य में गुणवत्ता आयें!