पर्यावरण दिवस समारोह में तब्दील , लाखों पौधा रोपड़ हर साल ,पर वन भुमि मैदान में तब्दील।
कवर्धा -: विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2024 के अवसर पर कवर्धा वनमंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र कवर्धा, तरेगांव, स.लोहारा, खारा, रेंगाखार, पंडरिया पूर्व एवं पश्चिम में पौधारोपण किया गया। वन परिक्षेत्र कवर्धा के क्षेत्रातंर्गत सकरी नदी तट किनारे कैजुअल्टी रिपलेसमेंट के तहत् आम, जामुन, सीताफल, अमरूद, हल्दू, नीम एवं अन्य प्रजाति के पौधे का रोपण कलेक्टर श्री जन्मेजय महोबे, पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक पल्लव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री संदीप अग्रवाल एवं वनमंडलाधिकारी श्री शशि कुमार, उप वनमंडलाधिकारी कवर्धा, उप प्रबंध संचालक, जिला यूनियन कवर्धा एवं अन्य अधिकारी, कर्मचारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं आम नागरिकों की उपस्थिति में संपन्न किया गया।
वन परिक्षेत्र सहसपुर लोहारा के कृष्ण कुंज में स्थानीय जनप्रतिनिधिगण उपवनमण्डलधिकारी श्री अनिल साहू, वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री अनुराग वर्मा एवं समस्त वन अधिकारी/कर्मचारी गण तथा सरस्वती शिशु मंदिर, लोहारा के के छात्र-छात्रा एवं शिक्षक उपस्तिथ रहे कार्यक्रम में सम्माननीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा कृष्ण कुंज सहसपुर लोहारा में रोपित पौधों को गोद लेते हुए संपूर्ण जिम्मेदारी की बात कही गईं।
वन परिक्षेत्र खारा में सी.ए. प्लांटेशन के तहत् कक्ष क्रमां 173 में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिक, स्कूल छात्र-छात्रओं एवं अन्य स्थानीय ग्रामीणों की उपस्थिति में वृक्षारोपण कार्यक्रम संपन्न किया गया।
वन परिक्षेत्र पंडरिया पूर्व के चतरी परिसर कक्ष क्रमांक 528 में जनप्रतिनिधिगण, उप वनमंडलाधिकारी, पंडरिया, परिक्षेत्र अधिकारी पंडरिया पूर्व, सरपंच प्रतिनिधि डालामौला, विचारपुर, चतरी, एवं गणमान्य नागरिक, स्कूली बच्चे तथा कार्यालयीन कर्मचारियों की उपस्थिति में वृक्षारोपण कार्यक्रम संपन्न हुआ। यहा स्कूली बच्चों के लिए रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया।
इतने के बाऊजूद वनांचल में वन गायब हो गये अतिक्रमण कर खेती होने लग गये है बचें खुचें जमीन में पट्टा देने की राजनीति की भेट चढ़ गई है! पर हर वर्ष कौन सी जगह में वन विभाग पौधा रोपड़ तो लाखों में करती है पर लगायें पौधा कब उग गई कब कट गई ये किसी को पता नहीं है पर पौधे लगें जरुर है! पर वनांचल हो रही हैं मैदान में तब्दील लिहाजा दिनों दिन वातावरण में बदलाव होने लगें हैं गर्मी की अधीक्ता वाटरलेबल की गहराई में जाना वनों की कमी ही मुख्य वजह जानकार बताते हैं !शायद विश्व पर्यावरण दिवस अब बस समारोह बन कर ही सिमट जा रहा है !