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समर्थन मूल्य में धान खरीदी को लेकर भाजपा सरकार की नियत साफ नहीं: चोवाराम साहू

समर्थन मूल्य में धान खरीदी को लेकर भाजपा सरकार की नियत साफ नहीं: चोवाराम साहू

 

एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन की तिथि बढ़ाए जाने तथा पंजीयन को शिथिल किए जाने की मांग

कवर्धा। प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए जिस ढंग से एग्रीस्टेक पोर्टल में किसान पंजीयन को अनिवार्य किया गया है उससे जिले के हजारो किसान अपने धान रकबे का पंजीयन कराने से वंचित हो रहे हैं और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। शासन के आदेश के तहत जिले के सभी किसानों को 31 अक्टूबर 2025 तक पोर्टल में पंजीयन कराना आवश्यक है। ऐसे में बीते कई दिनो से एग्रीस्टेक पोर्टल में अपना पंजीयन कराने भटक रहे किसानो के पास अब मात्र दो दिन का समय ही शेष रह गया है। उक्त बातें कवर्धा कृषि उपज मण्डी के पूर्व उपध्यक्ष चोवाराम साहू ने जारी बयान में कहीं। श्री साहू ने जारी बयान में कहा कि दरसल प्रदेश की भाजपा सरकार किसानो से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करना ही नहीं चाहती। यहीं वजह है भाजपा सरकार सत्ता में आने के बाद से ही समर्थन मूल्य में धान खरीदी को लेकर गैर जिम्मेदार नजर आ रही है। बीते वर्ष बारदाने की किल्लत उत्पन्न कर तथा समितियों से धान का उठाव रोकर खरीदी को बाधित करने का प्रयास किया गया। इसी प्रकार इस वर्ष अब एग्रीस्टेक पोर्टल की अनिवार्यता लागू कर किसानो के रकबे को कम किया जा रहा है। श्री साहू ने बताया कि जिले में हजारो किसान है जिनका एक ही नाम से अलग-अलग गांवों व विकासखण्डों में रकबा है लेकिन ऐसे किसानो एग्रीस्टेक पोर्टल में सभी रकबों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा जो किसान सरकारी जमीन लीज में लेकर खेती कर रहे हैं उन्हेें भी एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन कराने में भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। पंजीयन को लेकर सबसे ज्यादा पेरेशानी नए रकबे की खरीदी, रकबा बंटवारा सहित अन्य रकबे वाले किसानो को उठानी पड़ रही है। स्थिति ये है कि पंजीयन से वंचित हजारो किसान सेवा सहकारी समिति, लोक सेवा केन्द्र अथवा राजस्व विभाग के पटवारी से लेकिन संवंधित विभागों के अधिकारियों के चक्कर काटने मजबूर है लेकिन बावजूद इसके उनका पंजीयन नहीं हो पा रहा है। कवर्धा कृषि मण्डी के पूर्व उपध्यक्ष चोवा साहू ने शासन प्रशासन ने पंजीयन की व्यवस्था का शिथिल करने के साथ एग्रीस्टेक पोर्टल में किसान पंजीयन की तिथि बढ़ाए जाने की मांग की है।

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