समृद्ध कवर्धा-सुव्यवस्थित कवर्धा की मॉडल पर विकसित होगा कवर्धा शहर।
पुरानी मंडी परिसर में बनेगा बैंकिग काम्पलेक्स – प्रस्तावि बजट 20 करोड 40 लाख रूपए।
पुराना अस्पताल परिसर बनेगा सुव्यस्थित उद्यान- प्रस्तावित बजट 5 लाख 30 लाख रूपए।
बुढ़ा महादेव मंदिर समीप बनेगा सर्वसुविधायुक्त डोम और भक्त-दर्शनार्थी प्रतिक्षालय -प्रस्तावित बजट 1 करोड़ 53 लाख रूपए।
नगर पालिका के सामने बनेगा सुसज्जित चौपाटी- शासन से स्वीकृत राशि 1 करोड़, टेडर चल चुका।
कलेक्टर गोपाल वर्मा ने प्रस्तावित कार्यों के लिए स्थल का निरीक्षण किया।
कलेक्टर ने प्रस्तावित स्थलों का निरीक्षण कर नियमानुसार आबंटन की कार्यवाही शीघ्रता से करने के निर्देश दिए।
सुव्यस्थित विकास कार्यों के लिए 28 करोड़ का कार्ययोजना तैयार, राज्य शासन को स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजने के निर्देश।
कवर्धा, 16 अक्टूबर 2024। कबीरधाम जिले का सबसे बड़ा कवर्धा शहर एक “समृद्ध कवर्धा-सुव्यस्थित कवर्धा“ के मॉडल शहर के रूप में विकसित किया जाएगा। पूरे प्रदेश में एक मॉडल नगर पालिका के रूप में विकसित करने के लिए चार बड़े-बडे़ कार्ययोजना तैयार हो रहे है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के विशेष प्रयासों से यह कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इन चार बड़े प्रस्तावित विकास मूलक कार्यो के लिए लगभग 28 करोड़ करोड़ रुपए का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाएगा। इसके अलावा कवर्धा शहर के चौक-चौराहों का सौदर्यीकरण, सड़कों का निर्माण,कालोनियों में बुनियादी ;और मूलभूत सुविधाओं तथा आवश्यकताओं के ध्यान में रखते हुए अलग-अलग कार्य योजनाएं भी बनाई जाएगी।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने प्रस्तावित स्थलों का निरीक्षण किया तथा प्रस्तावित कार्ययोजना की ड्रांईग, नक्शा का अवलोकन करते हुए भूमि आंबटन की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान बताया गया कि इस प्रस्तावित कार्ययोजना के लिए लगभग 28 करोड़ रूपए की बजट लग सकती है। कलेक्टर ने प्रस्तावित कार्यो का बजट प्रस्ताव बनाकर राज्य शासन को शीघ्रता से प्रेषित करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने प्रस्तावित भूमि का, विधिवत भूमि आंबटन की कार्यवाही करने जिला नजूल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर श्री देवांगन को निर्देशित किया है।
“समृद्ध कवर्धा-सुव्यस्थित कवर्धा“ के मॉडल शहर के रूप में तैयार की गई 4 प्रस्तावित कार्ययोजनाओं बैंकिंग कंपोजिट परिसर-मार्ग, सुव्यस्थित उद्यान, सुसज्जित चौपाटी, सर्वसुविधायुक्त डोम और भक्त-दर्शनार्थी प्रतिक्षालय शामिल है। कंपोजिट बैंकिग काम्पलेक्स पूरानी मंडी परिसर में प्रस्तावित है। जिसमें सभी बैकर्स को एक परिसर में लाने की योजना है। इस कार्य के लिए प्रस्तावित बजट 20 करोड 40 लाख रूपए का आंकलन किया गया है। वर्तमान में यह जमीन कृषि उपज मंडी के पास है।
पुराना अस्पताल परिसर में सुव्यस्थित उद्यान, मांगलिक भवन, ओपन जिम पॉथ-वे, सहित सौदर्यीकरण का कार्य शामिल है। इसके लिए प्रस्तावित बजट 5 लाख 30 लाख रूपए तैयार की गई है। बुढ़ा महादेव मंदिर समीप बनेगा सर्वसुविधायुक्त डोम और भक्त-दर्शनार्थी प्रतिक्षालय -प्रस्तावित बजट 1 करोड़ 53 लाख रूपए का कार्ययोजना बनाई गई है। बतादे की बुढ़ा महोदव कबीरधाम जिले को ऐतिहासिक,धार्मिक,पुरात्तविक तथा जनआस्था का केन्द्र है। यहां प्रतिवर्ष सावन माह में हजारों की संख्या में कावडिया और दर्शनार्थी आते है। बुढ़ा महोदव मंदिर से छत्तीसगढ़ के पुरातत्व तथा एतिहासिक महत्व के स्थल भोरमदेव मंदिर तक पदयात्रा का आयोजन होता है। सर्वसुविधा युक्त डोम के निर्माण होने से उस सभी दर्शनार्थियों तथा श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओ का विस्तार होगा। इसके अलावा कवर्धा नगर पालिका के सामने सुव्यस्थित चौपाटी, गार्डन सहित सौदर्यीकरण का कार्य शामिल है। चौपाटी के लिए राज्य शासन से एक करोड़ रूपए की स्वीकृति मिल गई। टेंडर प्रक्रिया में, शीघ ही चौपाटी का काम शुरू होगा।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने “समृद्ध कवर्धा-सुव्यस्थित कवर्धा“ के मॉडल शहर के रूप में विकसित करने के लिए सभी प्रस्तावित कार्य के लिए बजट की मांग के लिए राज्य शासन को भेजने के लिए कवर्धा नगर पालिका अधिकारी को निर्देश दिए है।
*सुव्यस्थित कवर्धा के लिए कार्ययोजना और भूमि आबंटन की कार्यवाही शीघ्र:- कलेक्टर श्री वर्मा*
कवर्धा नगर पालिका के विकास को ध्यान में रखते हुए चार बड़े कार्यो के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। इन कार्य योजनाओं में बैकिंग परिसर,चौपाटी,सर्वसुविधायुक्त गार्डन और सेवा भक्ति प्रतीक्षालय 28 करोड़ रुपए का कार्ययोजना तैयार गई है। इसकी स्वीकृति के लिए राज्य शासन को प्रेषित की जाएगी। प्रस्तावित स्थलों के भूमि आबंटन की कार्यवाही भी शुरू हो गई है। इसके अलावा आवश्यकतानुसार शहर के चौक-चौराहों के सौदर्यीकरण और इसके अलावा सड़कों का निर्माण, कालोनियों में बुनियादी और मूलभूत सुविधाओं तथा आवश्यकताओं के ध्यान में रखते हुए अलग-अलग कार्य योजनाएं भी बनाई जाएगी।