कवर्धाछत्तीसगढ़बिलासपुर

पूर्व पार्षद संतोष नामदेव की याचिका पर सुनवाई, हाईकोर्ट ने वार्ड नंबर 19 के परिसीमन पर लगाई रोक।

छत्तीसगढ़ में वार्ड परिसीमन पर HC ने लगाई रोक:सरकार से हाईकोर्ट ने पूछा- 2011 की जनगणना को अभी आदर्श कैसे मानेंगे।

छत्तीसगढ़ में वार्ड परिसीमन पर HC ने लगाई रोक:सरकार से हाईकोर्ट ने पूछा- 2011 की जनगणना को अभी आदर्श कैसे मानेंगे।

 

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व पार्षद संतोष नामदेव की याचिका मे सुनवाई करते हुए कवर्धा नगर पालिका के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 19 में होने वाले परिसीमन पर रोक लगा दी है।

 

माननीय न्यायलय ने याचिका सुनवाई करते हुए स्थगन आदेश दिया है।

परिसीमन के अन्य मामले मे कोर्ट ने पूछा है कि राज्य सरकार 2011 की जनगणना के आधार पर अभी परिसीमन क्यों कर रही है। कानून के जानकारों का कहना है कि अब परिसीमन को लेकर दूसरे नगरीय निकायों में भी परिसीमन को चुनौती दी जा सकती है।

हाईकोर्ट में अन्य तीन याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई थी।

दरअसल इससे पूर्व राजनांदगांव नगर निगम, कुम्हारी नगर पालिका और बेमेतरा नगर पालिका में वार्डों के परिसीमन को चुनौती दी गई है। तीनों याचिकाओं की प्रकृति समान थी, लिहाजा हाईकोर्ट में तीनों याचिकाओं की एक साथ सुनवाई चल रही है।

 

इसमें याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने प्रदेश भर के निकायों के वार्ड परिसीमन के लिए जो आदेश जारी किया है, उसमें वर्ष 2011 की जनगणना को आधार माना है। इसी आधार पर परिसीमन का कार्य करने कहा गया है। याचिकाकर्ताओं के वकीलों का कहना था कि वार्ड परिसीमन के लिए बनाए गए नियमों के अनुसार अंतिम जनगणना को आधार माना गया है।

 

जब आधार एक ही तो इस बार परिसीमन क्यों?

राज्य सरकार ने अपने सर्कुलर में भी परिसीमन के लिए अंतिम जनगणना को आधार माना है। अधिवक्ताओं का कहना था कि राज्य सरकार ने इसके पहले वर्ष 2014 और 2019 में भी वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन का कार्य किया है। जब आधार एक ही है तो इस बार क्यों परिसीमन का काम किया जा रहा है।

 

राज्य सरकार ने कहा- मतदाता सूची को बनाया आधार।

मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट में सरकारी वकीलों ने जवाब में कहा कि परिसीमन मतदाता सूची के आधार पर नहीं जनगणना को ही आधार मानकर किया जा रहा है। परिसीमन से वार्डों का क्षेत्र और नक्शा बदल जाएगा। इस पर कोर्ट ने असहमति जताई।

 

2011 की जनगणना को वर्तमान में आदर्श कैसे मानेंगे।

कोर्ट ने पूछा कि वर्ष 2011 की जनगणना को वर्तमान परिदृश्य में आदर्श कैसे मानेंगे। दो बार परिसीमन कर लिया गया है तो तीसरी बार परिसीमन क्यों किया जा रहा है। कोर्ट ने आपत्तियों के निराकरण और अधिसूचना जारी करने पर रोक लगा दी है।

वार्ड क्रमांक 19 के परिसीमन पर रोक

आज दिनांक 26 जुलाई 2024 को दोपहर 3.10मिनट मे याचिकाकर्ता संतोष नामदेव की याचिका पर माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर मे रिट पिटीशन क्रमांक डब्ल्यूपीसी 3795/2024 याचिका पर सुनवाई करते हुए स्थगन आदेश जारी करते हुए आगामी परिसीमन पर रोक लगा दी गयी है.

सरकार बदलने पर राजनीतिक लाभ के लिए परिसीमन:-संतोष नामदेव।

याचिकाकर्ता संतोष नामदेव की तरफ से यह भी कहा गया है कि प्रदेश में नई सरकार बनी है। लिहाजा, नगरीय निकाय चुनाव में राजनीतिक लाभ लेने के लिए परिसीमन किया जा रहा है। उनका यह भी कहना था कि क्षेत्र बदलने के आधार पर साल 2018 में परिसीमन किया जा चुका है। नियम के अनुसार क्षेत्र बदलने के आधार पर परिसीमन किया जा सकता है। लेकिन, इस बार ऐसा नहीं किया जा रहा है।

जनगणना के अलावा क्षेत्र बदलने पर ही परिसीमन हो सकता है.

राज्य सरकार ने नगरीय निकाय का क्षेत्र बदलने के नाम पर दो बार परिसीमन किया था।

सरकार के राजनीतिक लाभ के लिए होने वाले परिसीमन का खामियाजा वहां के निवासियों को भुगतना पड़ेगा। परिसीमन के बाद उनके राशन दुकान का एरिया बदल जाएगा। वहीं वार्ड बदलने से उनका पता भी बदल जाएगा। जिसके बाद उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

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